सर्जिकल गर्भपात क्या है? - Surgical garbhpat kya hai
सर्जिकल गर्भपात या अबॉर्शन एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके द्वारा अनचाही प्रेगनेंसी को समाप्त किया जाता है। प्रेगनेंसी को समाप्त करने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह एक संवेदनशील प्रक्रिया होती है, जिसे लाइसेंस प्राप्त क्लीनिकों में ही किया जाना आवश्यक है।
अबॉर्शन करने के दो प्रक्रियाएं होती है, एक है मेडिकल गर्भपात और दूसरी है सर्जिकल गर्भपात। मेडिकल गर्भपात में दवा का प्रयोग होता है, जिससे भ्रूण का समापन हो जाता है। मेडिकल गर्भपात का सुझाव डॉक्टर प्रेगनेंसी के चौथे सप्ताह से दसवें सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने के लिए देते हैं, वहीं दसवें सप्ताह से 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने के लिए सर्जिकल गर्भपात का सुझाव डॉक्टर के द्वारा दिया जाता है। हालांकि अबॉर्शन कराने से पहले इसके दुष्प्रभाव, संभावित जोखिम और जटिलताएं जानना बेहद आवश्यक है।
सर्जिकल गर्भपात की आवश्यकता क्यों है?
सर्जिकल गर्भपात के कई कारण होते हैं। महिलाएं निम्न कारणों में से किसी भी कारण की वजह से अबॉर्शन जैसी संवेदनशील प्रक्रिया का चुनाव करती हैं -
- वित्तीय समस्या: शोध में पाया गया है कि जितने भी गर्भपात के मामले है, उनमें से 40 प्रतिशत महिलाएं गर्भपात का चुनाव इसलिए करती हैं, क्योंकि वह वित्तीय तौर पर दुरुस्त नहीं होती हैं या फिर उनके जीवन पर कोई वित्तीय समस्या होती है।
- समय: कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है, इसलिए वह अपने गर्भ को समाप्त करने का निर्णय ले लेती हैं।
- जीवनसाथी संबंधित समस्या: लगभग एक तिहाई मामलों में देखा गया है कि महिलाएं गर्भपात का निर्णय लेती है, क्योंकि वह या तो विवाह के पहले गर्भ धारण कर लेती हैं और विवाह के बाद ही बच्चे को जन्म देने की इच्छा रखती हैं या फिर वह इस संतान को जन्म नहीं लेने देते हैं। कुछ मामलों में जीवनसाथी के साथ खराब संबंध के कारण भी महिलाएं इस कदम को उठाती हैं।
- योन पीड़ा: कुछ महिलाएं योन पीडा का सामना करती है, जिसके कारण उन्हें गर्भपात जैसे संवेदनशील प्रक्रिया का चुनाव करना पड़ता है।
- करियर: कुछ महिलाएं अपने करियर पर फोकस करना चाहती है, जिसके कारण वह गर्भ धारण न कर एग फ्रीजिंग का चुनाव कर सकती हैं। ऐसे मामलों में भी महिलाएं गर्भपात का चुनाव कर सकती हैं।
- स्वास्थ्य समस्याएं: भ्रूण में समस्या, नशीली दवाओं, तंबाकू, या शराब का उपयोग, गैर-कानूनी प्रिस्क्रिप्शन दवा या जन्म नियंत्रण दवाओं का उपयोग, पीठ दर्द और मधुमेह जैसी मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं का बिगड़ना, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, भ्रूण पर मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों के लिए दवाओं का प्रभाव यह सभी प्रेगनेंसी को समाप्त करने के लिए मुख्य कारण साबित हो सकते हैं।
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सर्जिकल गर्भपात के लिए जाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
ऑपरेशन के लिए कुछ खास तैयारियां करनी आवश्यक है। यही कारण है कि हर महिला को सर्जिकल गर्भपात कराने से पहले थोड़ी तैयारी करनी पड़ती है। ऐसा करने से प्रक्रिया के बाद रोगी को बहुत लाभ होता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ भी प्रक्रिया से पहले कुछ दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की सलाह दे सकते हैं जैसे -
- प्रक्रिया से पहले सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।
- डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए परीक्षण करवाएं और प्रक्रिया वाले दिन अपने साथ उनकी रिपोर्ट ज़रूर लाएं।
- जिन दवाओं का रोगी वर्तमान में सेवन कर रहे हैं, उसके बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ को सूचित करें।
- 40 से अधिक बीएमआई होने पर डॉक्टर को इसकी सूचना दें क्योंकि इससे कुछ मामलों जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- आरामदायक और ढीले कपड़े पहनें।
- सैनिटरी पैड साथ लाएं क्योंकि सर्जरी के बाद इसकी आवश्यकता हो सकती है।
- प्रयास करें कि प्रक्रिया वाले दिन अपने साथ अपने घर परिवार में से किसी एक व्यक्ति को ज़रूर लाएं। प्रक्रिया के बाद उनकी सहायता पड़ सकती है।
सर्जिकल गर्भपात से पहले होने वाली जांच - Surgical abortion se pehle ke janch
सर्जिकल गर्भपात से पहले डॉक्टर कुछ जांच का सुझाव दे सकते हैं जैसे -
- प्रेगनेंसी टेस्ट: इस परीक्षण के द्वारा डॉक्टर गर्भावस्था के समय की पुष्टि करते हैं। यदि जांच का परिणाम सकारात्मक है, तो अगला कदम अल्ट्रासाउंड है।
- अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड के द्वारा भ्रूण के ग्रोथ के बारे में पता चल पाता है। इस जांच में साउंड वेव का उपयोग होता है, जो भ्रूण की तस्वीर बना पाता है। यह तरंगे सुरक्षित तरंगे होती हैं, जिससे स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं होती है।
- यौन संचारित रोग का परीक्षण: अबॉर्शन से पहले इस परीक्षण का सुझाव डॉक्टर के द्वारा दिया जा सकता है, जिससे प्रक्रिया के दौरान और बाद में रोगी के स्वास्थ्य की सुरक्षा की पुष्टि हो पाए।
- रक्त और मूत्र परीक्षण: स्वास्थ्य के पुनर्मूल्यांकन के लिए डॉक्टर रक्त परीक्षण और मूत्र परीक्षण का सुझाव देते हैं। इसके द्वारा ऑपरेशन के दौरान और बाद में उत्पन्न होने वाली जटिलताओं की संभावनाओं को कम से कम किया जा सकता है।
सर्जिकल गर्भपात प्रक्रिया और विधि
गर्भावस्था की अलग-अलग अवधि के लिए अलग-अलग प्रक्रियाओं का चुनाव किया जाता है। डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य स्थिति और गर्भ के समय के आधार पर तीन प्रक्रियाओं का चुनाव कर सकते हैं -
वैक्यूम एस्पिरेशन - Vacuum aspiration
- इस प्रक्रिया का सुझाव गर्भावस्था के 14 सप्ताह तक दिया जाता है।
- इस प्रक्रिया में लोकल या जनरल एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है।
- इस प्रक्रिया में गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से भ्रूण को निकालने के लिए एक वैक्यूम स्रोत का उपयोग किया जाता है।
- पंप से जुड़ी एक पतली कैनुला बच्चेदानी में डाली जाती है। पंप चालू होने के बाद, भ्रूण के ऊतक धीरे-धीरे गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाते हैं और शरीर से बाहर आ जाते हैं।
- इसके बाद गर्भावस्था का समापन हो जाता है।
डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी एंड सी) - Dilation and curettage
- डी एंड सी (D&C) एक त्वरित, ब्लेड रहित, दर्द रहित और डे-केयर प्रक्रिया है।
- इस प्रक्रिया में अधिक सटीकता होती है, जिसके कारण गर्भ का समापन हो पाना संभव हो पाता है।
- इस प्रक्रिया में सबसे पहले रोगी के गर्भाशय ग्रीवा को दवा के माध्यम से फैलाया जाता है।
- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इससे गर्भावस्था के ऊतक सरलता से बर्थ कैनाल से बाहर आ जाते हैं। इस प्रक्रिया में 30 से 40 मिनट का समय लगता है।
- प्रक्रिया के कुछ घंटों के पश्चात, गर्भाशय ग्रीवा स्वाभाविक रूप से सिकुड़ जाती है और गर्भावस्था बिना किसी कट या टांके के समाप्त हो जाती है।
इंडक्शन अबॉर्शन - Induction abortion
- इस प्रक्रिया में डॉक्टर मरीज को दवा देते हैं, जिससे महिलाएं प्रसव पीड़ा में आती है और गर्भाशय सिकुड़ जाता है गर्भावस्था समाप्त हो जाती है।
- डॉक्टर गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए सक्शन का उपयोग कर सकते हैं।
- प्रक्रिया के बाद रोगी को एक दिन के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता पड़ सकती है।
- हो सकता है कि प्रक्रिया के बाद रोगी को पेट में ऐंठन और दर्द का सामना करना पड़े। इसके इलाज के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
सर्जिकल गर्भपात के जोखिम और जटिलताएं
सर्जिकल गर्भपात के बाद गंभीर जटिलताओं का उत्पन्न होना एक दुर्लभ मामला है, लेकिन कुछ मामलों में रोगी को निम्नलिखित जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है -
- अपूर्ण गर्भपात
- गर्भाशय में रक्त के थक्के जमना
- भारी मात्रा में रक्त हानि
- संक्रमण
- आपके गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय या अन्य अंगों को चोट
- दवा का साइड इफेक्ट
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