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एक्टोपिक प्रेगनेंसी का ऑपरेशन - Ectopic Pregnancy In Hindi

एक्टोपिक गर्भावस्था एक गंभीर स्थिति है, जिसके लिए सर्जिकल उपचार बहुत ज्यादा आवश्यक है। जितनी जल्द से जल्द इसका का इलाज किया जाता है, उतना ही कम जोखिम और जटिलताएं इसमें शामिल होती है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी की सर्जरी के लिए अत्यधिक पेशेवर सटीक और विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। यदि... और पढ़ें आपको एक्टोपिक गर्भावस्था का निदान हुआ है, तो आप उपचार के लिए हमारे विशेषज्ञ ओबी-स्त्री रोग विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं।

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एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है? - Ectopic Pregnancy kya hai

एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें भ्रूण (Embryo) बच्चेदानी के बाहर, आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब में स्थापित होता है। फैलोपियन ट्यूब बच्चेदानी को अंडाशय से जोड़ने वाली दो संकरी नलिकाएं होती हैं। जब एक अंडा निषेचित हो जाता है, तो यह आमतौर पर बच्चेदानी में चला जाता है। हालांकि, यदि अंडा फैलोपियन ट्यूब में ट्रांसफर हो जाता है, तो इस स्थिति को एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक गंभीर स्थिति है, जिसमें तत्काल चिकित्सा ध्यान की आवश्यकता होती है। यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो भ्रूण का विकास जारी रह सकता है, जिससे फैलोपियन ट्यूब फट सकता है। इस रोग के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के प्रकार

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कई प्रकार हैं, लेकिन सबसे आम प्रकार फैलोपियन ट्यूब में होता है। अलग-अलग प्रकार के एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लिए अलग-अलग इलाज की योजना बनाई जाती है। चलिए पहले समझते हैं कि अन्य प्रकार की एक्टोपिक प्रेगनेंसी कौन कौन सी है - 

  • ओवेरियन एक्टोपिक प्रेगनेंसी: यह तब होता है जब भ्रूण का निर्माण अंडाशय में भी हो जाता है।
  • एम्ब्रियोनल ओवरी एक्टोपिक प्रेगनेंसी: महिला को इस प्रकार की समस्या तब होती है, जब भ्रूण फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय के बीच के क्षेत्र में ट्रांसफर हो जाता है।
  • गर्भाशय ग्रीवा एक्टोपिक प्रेगनेंसी: यह तब होता है, जब भ्रूण गर्भाशय ग्रीवा में चला जाता है। 
  • एब्डोमिनल एक्टोपिक प्रेगनेंसी: यह तब होता है जब भ्रूण गर्भाशय के बाहर पेट में आ जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के जोखिम कारक

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कई जोखिम कारक हैं जैसे -

  • अंडाशय में सिस्ट
  • एंडोमेट्रियोसिस
  • पीसीओएस
  • स्मोकिंग
  • कुछ गर्भनिरोधक विकल्प

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण

आमतौर पर एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण 6 से 8 सप्ताह के गर्भ में दिखाई देते हैं। कुछ ऐसे लक्षण हैं, जिनका सामना एक महिला इस स्थिति में कर सकती हैं जैसे - 

  • पेट में दर्द, जो अक्सर एक तरफ ही होता है और पीरियड्स के समय यह दर्द अधिक गंभीर हो जाता है।
  • योनि से रक्त बहना, जो अक्सर हल्का या भारी हो सकता है और मासिक धर्म के समय से अलग हो सकता है।
  • दस्त या मतली।
  • पसीना आना या चक्कर आना।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी से बचाव

एक्टोपिक प्रेगनेंसी से पूरी तरह से बचाव करना संभव नहीं है, लेकिन कुछ चीजें हैं, जिससे इस रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इन तरीकों का पालन कर आप एक स्वस्थ जीवनशैली भी व्यतीत कर सकती हैं - 

  • तंबाकू के सेवन से बचें।
  • एंडोमेट्रियोसिस या पीसीओएस जैसी स्थितियों के लिए उपचार लें।
  • फर्टिलिटी विशेषज्ञ से नियमित रूप से जांच करवाएं।

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एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज की आवश्यकता क्यों है?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक गंभीर स्थिति है, जिसके लिए त्वरित इलाज की आवश्यकता होती है अन्यथा इसके कारण रोगी को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो भ्रूण का विकास जारी रह सकता है, जिससे फैलोपियन ट्यूब को नुकसान हो सकता है। इसके कारण महिला के जीवन को अधिक खतरा हो सकता है। इसके कारण महिला को रक्त हानि, सदमे और यहां तक ​​कि मृत्यु का सामना करना पड़ सकता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के बाद निम्नलिखित लक्षणों से राहत मिल जाता है -

  • भ्रूण और प्रभावित फैलोपियन ट्यूब को हटाना
  • रक्त हानि को रोकना
  • जीवन के खतरे से बचना

एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज आमतौर पर सर्जरी के द्वारा संभव है, जिसमें भ्रूण और प्रभावित फैलोपियन ट्यूब को हटा दिया जाता है। कुछ मामलों में, दवाएं भी उपयोग की जा सकती हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के बाद, कई महिलाएं फिर से गर्भवती हो सकती हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद फैलोपियन ट्यूब को नुकसान हो सकता है, जिससे भविष्य में गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए जाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें!

एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक गंभीर स्थिति है, जिसमें तत्काल चिकित्सा आवश्यकता होती है। यदि आपको एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए जाने से पहले ध्यान देने योग्य कुछ बातें यहां दी गई है -

  • अपने डॉक्टर को अपने लक्षणों के बारे में बताएं। आप डॉक्टर को बताएं कि आप कब से दर्द, योनि से रक्त हानि या अन्य लक्षणों का सामना कर रहे हैं।
  • अपने मेडिकल इतिहास के बारे में अपने डॉक्टर को सूचित करें। अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आपको कोई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जैसे एंडोमेट्रियोसिस या पीसीओएस।
  • अपने डॉक्टर से उपचार विकल्पों के बारे में पूछें। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए दो मुख्य विकल्प हैं: सर्जरी और दवाएं। अपने डॉक्टर से बात करें कि आपके लिए कौन सा विकल्प सबसे अच्छा है।
  • अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। सर्जरी या दवाओं के बाद, अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। इससे इलाज के दौरान और बाद में कोई भी जटिलता उत्पन्न नहीं होती है।
  • परामर्श के दौरान अपने डॉक्टर से अपनी सभी मौजूदा दवाओं, पूरक और हर्बल औषधि के बारे में बताएं।
  • इबुप्रोफेन, इंसुलिन, या ब्लड थिनर जैसी दवाओं को कुछ दिनों के लिए रोक दें। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह सर्जरी में बाधा डाल सकते हैं और प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक रक्त हानि का कारण बन सकते हैं। 
  • असंतुलित बीपी या शुगर लेवल के साथ कोई सर्जरी नहीं की जा सकती। यही कारण है कि सर्जरी से पहले इस स्थिति को नियंत्रण में लाया जाना चाहिए।
  • सर्जरी से कम से कम 4-6 घंटे पहले कुछ न खाएं-पिएं। यह एनेस्थीसिया से संबंधित जटिलताओं का कारण हो सकता है।
  • अपनी सर्जरी के बाद बदलने के लिए ढीले सूती कपड़ों की एक जोड़ी साथ रखें।
  • शल्य चिकित्सा के बाद योनि से रक्तस्राव के लिए उपयोग करने के लिए नरम सैनिटरी पैड का एक पैकेट साथ लाएं।

यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं, जो आपको एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए तैयार करने में मदद कर सकते हैं -

  • अपने साथ किसी मित्र या परिवार के सदस्य को लेकर जाएं। सर्जरी या दवाओं के बाद आपको किसी के साथ की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • अपने घर में कुछ दिनों के लिए भोजन और अन्य आवश्यक सामानों का स्टॉक जमा करें। इलाज के बाद आपको आराम करने की आवश्यकता हो सकती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज एक चुनौतीपूर्ण अनुभव हो सकता है। हालांकि अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करने से आपको बहुत लाभ मिलेगा। सफल सर्जरी के बाद आप भविष्य में स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के दौरान होने वाली जांच

आमतौर पर एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए रोगी को बार-बार क्लीनिक में ओबी-गाइन विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। एक्टोपिक प्रेगनेंसी की पुष्टि के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ निम्नलिखित परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं -

  • मूत्र परीक्षण: स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए इस परीक्षण का सुझाव देते हैं। इस परीक्षण के द्वारा एचसीजी स्तर की भी जांच की जाती है।
  • रक्त परीक्षण: रक्त परीक्षण मूत्र परीक्षण के समान कार्य करता है। एचसीजी हार्मोन की उपस्थिति की जांच के लिए डॉक्टर आपके रक्त का सैंपल लेते हैं। यदि डॉक्टर हार्मोन की उपस्थिति का पता लगा लेते हैं तो गर्भावस्था की पुष्टि हो जाती है।
  • अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड एक मानक इमेजिंग परीक्षण है, जो स्त्री रोग विशेषज्ञों को यह पता लगाने में मदद करता है कि निषेचित अंडे को गर्भाशय की दीवार के किस तरफ है। यदि डॉक्टर को पता चलता है कि अंडा बच्चेदानी के बाहर चला जाता है, तो आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इलाज की सही तकनीक की योजना बनाते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक आपातकालीन स्थिति है और इसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए दो मुख्य शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है -

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें एक छोटे से कैमरा और उपकरणों का उपयोग करके फैलोपियन ट्यूब से भ्रूण और प्रभावित ट्यूब को हटा दिया जाता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए सबसे आम प्रक्रिया है। इसमें निम्नलिखित चरण शामिल है -

  • सबसे पहले महिला को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
  • पेट में तीन छोटे चीरे बनाए जाते हैं।
  • एक चीरे के माध्यम से दूरबीन को डाला जाता है।
  • अन्य उपकरणों का उपयोग करके, सर्जन फैलोपियन ट्यूब से भ्रूण और प्रभावित ट्यूब को हटा देता है।
  • चीरे को टांके या स्टेपल से बंद कर दिया जाता है।

ओपन सर्जरी

यह एक अधिक आक्रामक प्रक्रिया है, जिसमें एक बड़े चीरे के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब से भ्रूण और प्रभावित ट्यूब को निकाला जाता है। ओपन सर्जरी का सुझाव तब दिया जाता है, जब लेप्रोस्कोपिक सर्जरी संभव न हो, जैसे कि - 

  • फैलोपियन ट्यूब का फट जाना।
  • भ्रूण का आकार बहुत ज्यादा बढ़ जाना।

वहीं ओपन सर्जरी में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं - 

  • महिला को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
  • पेट में एक बड़ा चीरा बनाया जाता है।
  • सर्जन फैलोपियन ट्यूब से भ्रूण और प्रभावित ट्यूब को हटा देते हैं।
  • चीरे को टांके या स्टेपल की सहायता से बंद कर दिया जाता है।

अधिकतर समय में एक्टोपिक सर्जरी के प्रकार के आधार पर ही सर्जरी के प्रकार का निर्णय लिया जाता है। 

  • फैलोपियन एक्टोपिक गर्भावस्था: इस प्रकार के प्रेगनेंसी के लिए सल्पिंगोस्टॉमी नाम की प्रक्रिया का सुझाव दिया जाता है। लैप्रोस्कोपी के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब में एक निक बनाया जाता है और उसी के भ्रूण को हटा दिया जाता है, और चीरे को स्वाभाविक रूप से ठीक होने के लिए छोड़ दिया जाता है।
  • ओवरी एक्टोपिक प्रेगनेंसी: लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के माध्यम से भ्रूण को संबंधित अंडाशय से निकाल दिया जाता है। लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के माध्यम से पेट में संबंधित गुहा से भ्रूण को निकाल दिया जाता है।
  • सर्वाइकल एक्टोपिक प्रेगनेंसी: भ्रूण या उसके शेष ऊतकों को गर्भाशय ग्रीवा से डी एंड सी प्रक्रिया के माध्यम से ठीक किया जाता है।
  • डायलेशन एंड क्यूरेटेज (डी एंड सी): सर्वाइकल एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को दूर करने के लिए इस प्रक्रिया का प्रयोग होता है। सबसे पहले गर्भाशय ग्रीवा को एक दवा के माध्यम से फैलाया जाता है। फैलाव के बाद भ्रूण और उसके शेष ऊतकों को एक विशेष चिकित्सा उपकरण के माध्यम से निकाला जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद देखभाल कैसे करें?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद, महिला को कुछ दिनों के लिए आराम करने की आवश्यकता होती है। इस दौरान, उसे निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • आराम करें: सर्जरी के बाद, शरीर को सबसे ज्यादा आराम की आवश्यकता होती है। उन गतिविधियों को करने से बचें, जिसमें ज्यादा जोर लगाना पड़े। जब तक आपके डॉक्टर आपको अनुमति न दें, उन गतिविधियों से दूर रहें।
  • डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं लें: डॉक्टर आपको दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाओं का सुझाव दे सकते हैं। निर्धारित दवाओं को निर्देशानुसार लें ताकि संक्रमण से बचा जा सके और दर्द को कम किया जा सके।
  • रक्त हानि या दर्द के बारे में अपने डॉक्टर को बताएं: यदि आप रक्त हानि या दर्द होता है, जो गंभीर या लगातार आपको परेशान करता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को इसकी सूचना दें।
  • पेट को ठंडा रखें: बर्फ की सेक पेट में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसका सुझाव अक्सर डॉक्टर देते हैं। 
  • पर्याप्त तरल पदार्थ पिएं: अपने आहार में तरल पदार्थ की मात्रा को बढ़ाएं। इससे शरीर में तरल पदार्थ की कमी नहीं होती है और शरीर जल्द से जल्द रिकवर होता है। 
  • आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें: फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ कब्ज को रोकने में मदद कर सकते हैं, जो सर्जरी के बाद एक आम समस्या है। कब्ज के कारण रोगी को बहुत सारी समस्याओं का  सामना करना पड़ सकता है। 
  • डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें: अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है, जिससे आप जल्द से जल्द ठीक हो सकते हैं।

यदि आपके कोई प्रश्न या चिंताएं हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद ठीक होने में लगने वाला समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे - 

  • ऑपरेशन की विधि: आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद ओपन सर्जरी की तुलना में रिकवरी में कम समय लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया एक आधुनिक प्रक्रिया है। 
  • फैलोपियन ट्यूब का नुकसान: यदि फैलोपियन ट्यूब को पूरी तरह से हटा दिया जाता है, तो ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
  • जटिलताएं: यदि रोगी को सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार की जटिलता का सामना करना पड़ रहा है, तो ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।

सामान्य तौर पर, एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद महिलाएं कुछ हफ्तों में ठीक हो सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में अधिक समय भी लग सकता है। अधिक स्पष्ट जानकारी के लिए आप अपने सर्जन से मिल सकते हैं और उनसे परामर्श ले सकते हैं। 

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन का खर्च - Ectopic Pregnancy ka Kharch

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें शामिल हैं:

  • ऑपरेशन की विधि: लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में ओपन सर्जरी अधिक महंगी होती है।
  • फैलोपियन ट्यूब का नुकसान: यदि फैलोपियन ट्यूब को पूरी तरह से हटा दिया जाता है, तो ऑपरेशन अधिक महंगा होगा।
  • जटिलताएं: यदि कोई जटिलताएं है, तो ऑपरेशन में अधिक धन खर्च हो सकता है।
  • चिकित्सक और अस्पताल की लागत: डॉक्टर की फीस और अस्पताल में लगने वाला खर्च स्थान और सुविधा के आधार पर भिन्न हो सकता है।

भारत में एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन का औसत खर्च 25,000 से 80,000 रुपये के बीच है। हालांकि, यह लागत बहुत अधिक हो सकती है, खासकर यदि जटिलताएं उत्पन्न होती हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के लिए बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है। यदि आपने स्वास्थ्य बीमा खरीदा है, तो कृपया अपने बीमा प्रदाता से संपर्क करें और इस संबंध में जानकारी प्राप्त करें।

जोखिम और जटिलताएं

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के कुछ जोखिम और जटिलताएं निम्नलिखित हैं:

  • रक्त हानि: सर्जरी के दौरान या बाद में रक्त हानि की संभावना होती है। 
  • संक्रमण: सर्जरी के बाद संक्रमण की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इससे बचने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
  • फैलोपियन ट्यूब में छेद: सर्जरी के दौरान फैलोपियन ट्यूब में छेद हो सकता है।
  • फैलोपियन ट्यूब का फटना: यदि किसी भी कारणवश फैलोपियन ट्यूब फट जाती है, तो इसके कारण स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हो सकती है। 
  • अन्य जटिलताएं: अन्य जटिलताएं, जैसे कि सर्जिकल साइट की सूजन या दर्द का सामना रोगी को करना पड़ सकता है। 

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के जोखिम और जटिलताएं महिला की उम्र, स्वास्थ्य और स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के फायदे

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के कई फायदे हैं जैसे - 

  • जीवन का बचाव: एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण जीवन को गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यदि फैलोपियन ट्यूब फट जाए, तो यह रक्त हानि और अन्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। ऑपरेशन फैलोपियन ट्यूब के फटने को रोकने और महिला की जान बचाने में मदद कर सकता है।
  • दर्द से राहत: एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण, जैसे कि दर्द और रक्त हानि से राहत तो दिलाता ही है लेकिन यह महिला के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित भी करता है। ऑपरेशन इन लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है, जिससे महिला को आराम मिल सकता है।
  • भविष्य में गर्भधारण करने की संभावना बढ़ाना: यदि फैलोपियन ट्यूब को पूरी तरह से नहीं हटाया जाता है, तो भविष्य में गर्भधारण करने में क्षमता अधिक हो जाती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद यदि आप निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए - 

  • रक्त हानि या दर्द
  • बुखार या ठंड लगना
  • पेट में ऐंठन या दर्द
  • योनि से तरल पदार्थ का निकलना

इसके अतिरिक्त आपको ऑपरेशन के बाद निम्नलिखित समय में अपने डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है - 

  • सर्जरी के बाद 24 घंटे के भीतर: यह एक ऐसा समय है, जब डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी करते हैं और किसी भी जटिलताओं की पहचान करने में सक्षम होगा।
  • सर्जरी के बाद 1 सप्ताह के भीतर: इस समय, आपका डॉक्टर आपकी सर्जिकल साइट की जांच करेंगे और आपको अन्य निर्देश देंगे, जिससे आपको बहुत लाभ मिल सकता है। 
  • सर्जरी के बाद 6 सप्ताह के भीतर: इस समय के दौरान आपके डॉक्टर आपकी श्रोणि की जांच करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं। वह पुष्टि करते हैं कि आपकी रिकवरी सही दिशा में हो रही है। 

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद, आपको नियमित रूप से अपने डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि आप ठीक हो रहे हैं और भविष्य में गर्भधारण करने में सक्षम हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए क्या नहीं

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद, आपको अपने आहार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। एक स्वस्थ आहार आपको ठीक होने में मदद कर सकता है और भविष्य में गर्भधारण करने की आपकी संभावनाओं को बढ़ा सकता है।

क्या खाना चाहिए - 

  • फल और सब्जियां: फल और सब्जियां विटामिन, ग्रेन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। वह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और कब्ज को रोकने में मदद कर सकते हैं।
  • होल ग्रेन: होल ग्रेन फाइबर और पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। इससे आपको कब्ज और अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। 
  • लीन प्रोटीन: लीन प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और रिपेयर में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। 
  • हेल्दी फैट: हेल्दी फैट, जैसे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड, हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

क्या नहीं खाना चाहिए - 

  • प्रोसेस्ड फूड: प्रोसेस्ड फूड में वसा, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है। वह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • चिप्स, कुकीज़ और अन्य स्नैक्स: इन खाद्य पदार्थों में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है और इसमें पोषक तत्व बहुत कम होते हैं। वह वजन बढ़ाने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
  • सोडा और अन्य मीठे पेय: मीठे पेय पदार्थों में अक्सर कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ने का मुख्य कारण भी हो सकते हैं। 
  • अल्कोहल: शराब आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकता है और इससे रिकवरी में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। 

यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं, जो आपको एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद अपने आहार को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं:

  • नियमित रूप से भोजन करें। लेकिन एक साथ अधिक भोजन न करें, इससे पेट से संबंधित बीमारियों के होने का खतरा अधिक होता है। 
  • खूब सारा पानी पिएं। पानी आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकता है। 
  • अपने डॉक्टर से बात करें। वह आपको यह निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं कि आपके लिए सबसे अच्छा आहार क्या है।
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद, आपके शरीर को ठीक होने के लिए समय चाहिए। अपने आहार पर ध्यान देना आपको ठीक होने में मदद कर सकता है और भविष्य में गर्भधारण करने की आपकी संभावनाओं को भी बढ़ा सकता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लिए कौन से जोखिम कारक हैं?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लिए कुछ जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:

  • 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने का खतरा अधिक होता है।
  • जिन्हें यह समस्या पहले हो चुकी है उन्हें भविष्य में एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने का खतरा अधिक रहता है।
  • फैलोपियन ट्यूब में चोट या क्षति एक्टोपिक प्रेगनेंसी के जोखिम को बढ़ा सकती है।
  • एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें एंडोमेट्रियम, बच्चेदानी के अंदर की परत, शरीर के अन्य हिस्सों में बढ़ जाती है। एंडोमेट्रियोसिस एक्टोपिक प्रेगनेंसी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  • कुछ प्रकार के गर्भनिरोधक, जैसे कि आईयूडी एक्टोपिक प्रेगनेंसी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी से कैसे बचा जा सकता है?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी को रोकने के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालांकि, कुछ तरीकों का पालन कर इससे बचने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है।

  • तंबाकू के सेवन से एक्टोपिक प्रेगनेंसी का जोखिम बढ़ सकता है।
  • अधिक वजन या मोटापा एक्टोपिक प्रेगनेंसी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  • नियमित व्यायाम आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और एक्टोपिक प्रेगनेंसी के जोखिम को कम कर सकता है।
  • सही ढंग से उपयोग किए जाने पर गर्भनिरोधक एक्टोपिक प्रेगनेंसी के जोखिम को कम कर सकते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद भविष्य में गर्भधारण करने की संभावनाएं क्या हैं?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद भविष्य में गर्भधारण करने की संभावनाएं निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती हैं:

  • फैलोपियन ट्यूब को हटाने की आवश्यकता थी या नहीं। यदि केवल एक फैलोपियन ट्यूब को हटाया जाता है, तो भविष्य में गर्भधारण करने की संभावनाएं अधिक होती हैं।
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद महिला की उम्र। 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में भविष्य में एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने का खतरा अधिक होता है।
  • यदि केवल एक फैलोपियन ट्यूब को हटाया जाता है, तो भविष्य में गर्भधारण करने की संभावनाएं लगभग 75% होती है। यदि दोनों फैलोपियन ट्यूब को हटाया जाता है, तो कृत्रिम गर्भाधान की आवश्यकता हो सकती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के बाद कैसे देखभाल की जानी चाहिए?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद, महिलाओं को निम्नलिखित देखभाल की आवश्यकता हो सकती है -

  • फॉलो-अप का खास ध्यान दें।
  • रक्त परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं कि hCG का स्तर फिर से न बढ़ रहा हो।
  • अल्ट्रासाउंड यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि फैलोपियन ट्यूब पूरी तरह से ठीक हो गई है।
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद गर्भनिरोधक का उपयोग करने का सुझाव दिया जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक गंभीर है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। स्वस्थ जीवन जीएं और हर प्रकार के रोग के दूरी बनाएं।

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