हर्निया क्या है? - Hernia kya hai
हर्निया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट की दीवार के एक कमजोर जगह से आंत या अन्य अंग बाहर निकल जाते हैं। आमतौर पर हर्निया के कारण पेट का निचला भाग प्रभावित होता है। ऐसा कई बार देखा गया है कि रोगी को हर्निया की समस्या होती है, लेकिन उन्हें कोई भी लक्षण नहीं मिलते हैं। सामान्य तौर पर हर्निया का दर्द आराम करते हुए या कुछ खास गतिविधियां जैसे तेज दौड़ना, खांसना, इत्यादि को करते समय महसूस हो सकता है।
हर्निया के ज्यादातर मामलों में रोगियों को कोई खास समस्या नहीं होती है, लेकिन यह स्थिति अपने आप कभी ठीक नहीं होती है। हर्निया की समस्या से पूर्ण रूप से राहत के लिए ऑपरेशन का सुझाव दिया जाता है। यदि हर्निया का इलाज समय पर नहीं होता है, तो रोगी को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे - रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव के कारण रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होना। कुछ मामलों में इसके कारण रोगी को ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है।
हर्निया के प्रकार - Hernia ke prakar
मुख्यतः हर्निया पांच प्रकार के होते हैं -
- इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia): यह सबसे सामान्य प्रकार है, जो लगभग 70 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है। इस स्थिति में पेट के निचले भाग में छेद हो जाता है। महिलाओं की तुलना में इनगुइनल हर्निया पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है।
- हाइटल हर्निया (Hiatal Hernia): हाइटल हर्निया का संबंध उम्र से है। 50 से अधिक उम्र के लोगों में इस प्रकार का हर्निया आम है। इस बीमारी के कारण गर्ड (गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स) नाम की समस्या भी लोगों को प्रभावित करती है।
- अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia): अम्बिलिकल हर्निया 6 महीने से कम उम्र के शिशु में हो सकता है। यदि बच्चों में अम्बिलिकल हर्निया का इलाज नहीं होता है तो इसके कारण बच्चे को भविष्य में अधिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- इंसीजनल हर्निया (Incisional Hernia): यदि रोगी के पेट में किसी भी प्रकार सर्जरी हो रखी है, तो रोगी को इंसीजनल हर्निया का खतरा अधिक रहता है।
- फीमोरल हर्निया (Femoral Hernia): जब किसी अंदरूनी मांसपेशी में कमजोरी की वजह से पेट के निचले भाग में किसी अंग का हिस्सा बाहर आने का प्रयास करता है, तो उसे फीमोरल हर्निया कहा जाता है। यह हर्निया बच्चों में सबसे ज्यादा आम है।
हर्निया के लक्षण - Hernia Symptoms in Hindi
हर्निया के सबसे आम लक्षण प्रभावित क्षेत्र में सूजन या उभार है। रोगी को कभी कभी लग सकता है कि सूजन और गांठ गायब हो गए हैं। ऐसा तभी होता है जब रोगी सो रहा होता है। कई बार हर्निया के लक्षण हर्निया के प्रकार पर निर्भर करते हैं। अलग-अलग प्रकार के हर्निया होते हैं, जैसे हाइटल हर्निया जिसके विशिष्ट लक्षण नजर आते हैं। इस प्रकार के हर्निया में रोगी को सीने में जलन, खाना निगलने में परेशानी और सीने में दर्द जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या आप इनमें से किसी लक्षण से गुज़र रहे हैं?
हर्निया होने का क्या कारण है? - Hernia Causes in Hindi
हर्निया के कई कारण होते हैं। कुछ प्रकार के हर्निया बच्चों में जन्म से ही मौजूद होते हैं। कभी कभी लोगों के पेट का कोई पक्ष कमजोर रह जाता है, जिसके माध्यम से आंत या फिर पेट का कोई भाग बाहर की तरफ आने का प्रयास करता है, जिसके कारण हर्निया की समस्या उत्पन्न होती है।
मांसपेशियां कई कारणों से कमजोर हो सकती हैं जैसे -
- जन्मजात दोष होना (गर्भ के समय बच्चे की पेट की दीवार या परत का सही तरीके से विकसित न होना)
- बढ़ती उम्र
- लंबे समय से खांसी से परेशान होना
- चोट या सर्जरी की वजह से घाव
हर्निया के इलाज की आवश्यकता क्यों है?
हर्निया के इलाज की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि इसके कारण रोगी को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर्निया के कुछ संभावित जोखिम इस प्रकार है:
- आंत में रक्त संचार बाधित होना: यदि हर्निया को लंबे समय तक अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो इसके कारण शरीर में रक्त संचार बंद हो सकते हैं।
- संक्रमण: अनुपचारित हर्निया से संक्रमण हो सकता है, जिसके कारण दर्द, सूजन और बुखार की संभावना बढ़ सकती है।
- हर्निया का फटना: कुछ मामलों में हर्निया फट भी सकता है, जिससे आस-पास के दूसरे अंगों को नुकसान हो सकता है।
यदि रोगी को हर्निया के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जल्द से जल्द इलाज की तरफ अपना रुख करना चाहिए।
हर्निया के इलाज के लिए जाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
हर्निया के इलाज से पहले रोगी को कुछ बातों का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है जैसे -
- हर्निया के ऑपरेशन से डॉक्टर के दिए हुए दिशा-निर्देश का पालन करें।
- ऑपरेशन से पहले कुछ भी खाने पीने की सलाह नहीं दी जाती है।
- जिन दवाओं का रोगी सेवन कर रहे हैं उनके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
- ऑपरेशन से एक हफ्ते पहले तक कुछ दवाएं जैसे एस्पिरिन, ब्लड थिनर, विटामिन E और गठिया की दवाएं लेने को मना किया जा सकता है।
- यदि रोगी को एनेस्थीसिया से एलर्जी है तो इसके बारे में डॉक्टर पहले से ही सूचित करें।
- अपने मन के सभी प्रश्नों को डॉक्टर से साझा करें और सभी का उत्तर जानने का प्रयास करें।
दूरबीन से हर्निया के ऑपरेशन से पहले के निदान
हर्निया के इलाज (Hernia ka Ilaj) से पहले डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। वह रोगी के स्वास्थ्य स्थिति के निदान के पश्चात हर्निया के प्रकार की जांच के लिए कुछ नैदानिक परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं। इन जांच के परिणाम के आधार पर ही डॉक्टर स्थिति का सटीक आकलन कर पाने में सफल हो पाएंगे।
एक सटीक निदान के लिए, डॉक्टर सबसे पहले शारीरिक परीक्षण करते हैं। सबसे पहले वह मरीज को खड़े होने, स्ट्रेच करने या खांसने के लिए कह सकते हैं। हर्निया की पुष्टि हो जाने के बाद आगे के निदान के लिए और हर्निया के इलाज के लिए सबसे सुरक्षित ऑपरेशन का चुनाव करने के लिए, डॉक्टर पेट के अल्ट्रासाउंड(ultrasound), सीटी स्कैन(CT scan) या एमआरआई(MRI) जैसी जांच की सलाह दे सकते हैं। परीक्षण के परिणामों के आधार पर, डॉक्टर सबसे सटीक इलाज का सुझाव दे सकते हैं।
हर्निया के इलाज के लिए सर्जरी
यदि हर्निया बढ़ता जा रहा है और दर्द का कारण बन रहा है, तो इसके निवारण के लिए सर्जरी एक अंतिम विकल्प साबित हो सकता है। सर्जरी खत्म होने के बाद सर्जन पेट में टांके लगाते हैं। हर्निया के इलाज के लिए दो प्रकार के ऑपरेशन का सुझाव दिया जाता है - ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (दूरबीन से हर्निया का ऑपरेशन)। इन दोनों ही प्रक्रिया में सुन्न या बेहोशी की दवा का प्रयोग होता है। दूरबीन ऑपरेशन में बहुत छोटा कैमरा और छोटे उपकरण लगे होते हैं जो सर्जरी को अंजाम देते हैं। इसके अलावा इस सर्जरी में एक छोटा कट लगाया जाता है जिसके कारण ऑपरेशन के दौरान रक्त हानि नहीं होती है।
वहीं दूसरी तरफ ओपन सर्जरी के बाद रोगी को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है क्योंकि प्रक्रिया में एक लंबा चीरा लगाया जाता है। इस बात की भी अधिक संभावना है कि रोगी 6 महीनों तक सामान्य रूप से घूम फिर न पाए। जबकि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद रोगी जल्द से जल्द अपनी सामान्य गतिविधियों को कर सकते हैं।
हर्निया सर्जरी विधि - Procedure for Hernia Surgery
हर्निया सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हर्निया को हटा दिया जाता है और पेट की दीवार की मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है। दोनों ही प्रकार की सर्जरी की विधियों को नीचे दिया गया है -
- ओपन सर्जरी में, सर्जन पेट की दीवार में एक चीरा लगाते हैं और हर्निया को हटा दिया जाता है। इसके बाद सर्जन पेट की दीवार की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए टांके लगा देते हैं या फिर उस क्षेत्र पर सर्जिकल मेष को लगाया जाता है।
- दूरबीन से हर्निया के ऑपरेशन में सर्जन पेट की दीवार में कई छोटे चीरे लगाते हैं और फिर एक लेप्रोस्कोप (एक पतली, ट्यूब जैसी मशीन जिसमें एक कैमरा होता है) का उपयोग करके हर्निया को हटा देते हैं। फिर, सर्जन पेट की दीवार की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए टांके लगाते हैं। टांकों के साथ सर्जिकल मेष का भी उपयोग होता है।
हर्निया सर्जरी के बाद, रोगी को कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहना पड़ सकता है। सर्जरी के बाद, डॉक्टर के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। इससे रोगी जल्द से जल्द रिकवर हो पाएगा।
जोखिम और जटिलताएं
आमतौर पर हर्निया सर्जरी के बाद रोगी को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। हालांकि, कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं, जिसके बारे में रोगी को इलाज से पहले ही पता होना चाहिए जैसे -
- संक्रमण
- रक्त हानि
- दर्द
- सूजन
- पेट में ऐंठन
- हर्निया का दोबारा होना
यदि रोगी हर्निया के बारे में चिंतित हैं, तो वह हमारे विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं और इलाज के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हर्निया के ऑपरेशन के बाद देखभाल कैसे करें?
- प्रयास करें कि अपने दैनिक आहार में तरल पदार्थ की मात्रा को बढ़ाएं।
- धीरे धीरे अपने दैनिक आहार में थोड़ी सॉलिड चीजों को बढ़ाते जाएं।
- दर्द होने पर दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें और शराब से दूरी बनाएं।
- ढीले और आरामदायक कपड़े पहने, जिससे सर्जिकल क्षेत्र पर रगड़ न लगे।
- सक्रिय जीवन शैली अपनाएं।
- पूरी नींद लें।
- ऑपरेशन के बाद कम से कम 6 से 8 सप्ताह तक भारी सामान उठाने से बचें।
- अधिक समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहने से बचें।
- शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं।
- रक्त हानि का अनुभव होते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
- शरीर के निचले भाग पर दबाव पड़ने वाले व्यायाम या गतिविधियों से बचें।
हर्निया के ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?
लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह तक का समय लग सकता है। मरीज सर्जरी के 2 सप्ताह बाद अपने काम पर लौट सकते हैं, लेकिन उस दौरान उन्हें बहुत सावधान रहना होगा कि भारी सामान नहीं उठाना, उन गतिविधियों को नहीं करना जिसमें अधिक जोर लगे इत्यादि।
हालांकि, ज्यादातर मामलों में, हर्निया की सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक होने में 6 सप्ताह का समय लग सकता है, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में यह समय बढ़ भी सकता है।
हर्निया के ऑपरेशन का खर्च
हर्निया सर्जरी में लगने वाले पूरे खर्च को कई कारक प्रभावित करते हैं जैसे -
- डॉक्टर का परामर्श शुल्क
- निदान का शुल्क
- हर्निया का प्रकार और स्थान
- हर्निया का आकार और गंभीरता
- रोगी की आयु
- अस्पताल का शुल्क
- सर्जरी का तरीका
- सर्जिकल मेष
- दवा का शुल्क
सामान्यतः हर्निया सर्जरी में लगने वाला खर्च इन सभी कारकों के द्वारा प्रभावित होता है। हर्निया के ऑपरेशन का खर्च 70,000 रुपये से लेकर 1,40,000 रुपये तक हो सकता है।
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हर्निया के ऑपरेशन के फायदे
हर्निया के ऑपरेशन के बाद रोगी को बहुत लाभ होता है। लेकिन यदि रोगी का इलाज दूरबीन द्वारा हुआ है तो इसका रोगी को अतिरिक्त लाभ मिल सकता है जैसे -
- दूरबीन से ऑपरेशन के दौरान बहुत छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिसके कारण रोगी जल्द से जल्द रिकवर हो पाते हैं।
- छोटे चीरे के कारण रोगी को ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है।
- दूरबीन से ऑपरेशन के बाद रोगी जल्द से जल्द अपने रोजाना के कार्य कर सकते हैं।
- दूरबीन द्वारा हर्निया के ऑपरेशन में रक्त हानि नहीं होती है।
- हर्निया के आधुनिक ऑपरेशन में रोगी को 24 घंटों से भी कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है।
हर्निया के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं
हर्निया के ऑपरेशन के बाद रोगी को डॉक्टर के पास जल्द से जल्द जाना चाहिए क्योंकि फॉलो-अप बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है। इसके साथ साथ यदि रोगी को रक्त हानि, सर्जिकल क्षेत्र पर सूजन या लालिमा या फिर हर्निया के लक्षण फिर से महसूस होते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वह स्थिति के अनुसार उचित इलाज प्रदान कर सकते हैं।
हर्निया के ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
हर्निया के ऑपरेशन के बाद खान-पान जितना अच्छा होगा, रिकवरी के दौरान रोगी के शरीर को उतनी ही सहायता मिलेगी। शरीर को स्वस्थ होने के लिए कई सारे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। हर्निया के बाद डॉक्टर भी रोगी को कुछ खाद्य पदार्थों को अपने आहार में जोड़ने की सलाह दे सकते हैं।
हर्निया ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए ? Hernia operation ke baad kya khaye?
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तरल पदार्थों का सेवन करें
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फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें
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प्रोटीन (protein) की मात्रा को बढ़ाएं
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प्रोबायोटिक्स (probiotics) का सेवन करें
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पोषक तत्व जैसे- एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन K, और विटामिन E शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
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