गुर्दे की पथरी क्या है?
गुर्दे की पथरी एक कठोर पदार्थ है, जिसका निर्माण तब होता है जब मूत्र में उपस्थित रासायनिक पदार्थों की मात्रा उनके निश्चित स्तर से अधिक हो जाती है। इस स्थिति को गुर्दे की पथरी के लक्षण के रूप में भी जाना जाता है। गुर्दे की पथरी एक दर्दनाक स्थिति है और यदि इस स्थिति की पहचान समय से पहले हो जाती है, तो इसका इलाज भी जल्द से जल्द हो सकता है। सामान्यतः कम गंभीर मामलों में डॉक्टर रोगी को अधिक मात्रा में जल के सेवन और कुछ दवाओं का सुझाव दे सकते हैं। यदि पथरी मूत्र पथ पर फंस जाए या फिर रोगी को मूत्र संक्रमण हो तो डॉक्टर ऑपरेशन का सुझाव देते हैं।
अधिकांश गुर्दे की पथरी स्वाभाविक रूप से अपने आप निकल जाती है, बड़ी पथरी मूत्र मार्ग को बाधित कर सकती है और ऐसी स्थिति में ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ सकती है। गुर्दे की पथरी की आधुनिक प्रक्रियाओं में शॉकवेव थेरेपी (ESWL), लेजर प्रक्रिया (URSL & RIRS), और पीसीएनएल (PCNL) सर्जरी शामिल है।
गुर्दे में पथरी के इलाज (Pathri ka ilaj) के दौरान जोखिम और जटिलताओं को कम करने के लिए हमारे विशेषज्ञ नवीनतम एवं आधुनिक चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, हमारे गुर्दे की पथरी के विशेषज्ञों के पास औसतन 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है और उच्च सफलता दर सुनिश्चित करने के लिए वह व्यापक इलाज प्रदान करते हैं।
गुर्दे की पथरी के प्रकार
मुख्यतः गुर्दे की पथरी पांच प्रकार की होती है। चलिए सभी को एक एक करके समझते हैं -
- कैल्शियम: यह सबसे आम प्रकार का किडनी स्टोन है। यह स्टोन कैल्शियम ऑक्सालेट और कभी-कभी कैल्शियम फॉस्फेट या मैलेट रसायन से बनते हैं। इस प्रकार की पथरी से बचने के लिए डॉक्टर रोगी को उच्च ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे टमाटर, चॉकलेट, नट्स और पालक आदि खाने को मना करते हैं।
- यूरिक एसिड: इस प्रकार की पथरी सबसे ज्यादा पुरुषों में देखी जाती है। मधुमेह, गाउट, मोटापा और अन्य मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों को इस पथरी का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इस प्रकार के किडनी स्टोन का निर्माण तब होता है, जब पेशाब अत्यधिक एसिडिक हो जाता है। जब मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है, तो उसे गाउट कहा जाता है। मछली, मांस और शेलफिश जैसे प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।
- स्ट्रुवाइट: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस प्रकार की पथरी अधिक होती है। यह पथरी उन लोगों में आम है, जो मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) का सामना अधिक करते हैं। इस प्रकार के स्टोन के कारण मूत्र मार्ग में रुकावट हो सकती है।
- सिस्टीन: इस प्रकार के गुर्दे की पथरी बहुत दुर्लभ है और यह पथरी उन लोगों में सबसे ज्यादा होती है जो सिस्टिन्यूरिया नामक अनुवांशिक रोग से पीड़ित होते हैं। सिस्टीन शरीर में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाला एक एसिड है, जो पेशाब के द्वारा गुर्दे से बाहर निकल जाता है।
- दवाओं द्वारा बनने वाली पथरी: कुछ दवाएं होती हैं जैसे इंडिनवीर, एसाइक्लोविर आदि जिनके सेवन से पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
गुर्दे की पथरी के लक्षण - Pathri ke lakshan
गुर्दे की पथरी के अधिकतर मामलों में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं। यदि गुर्दे मूत्र मार्ग में कोई बाधा उत्पन्न करें तो उसके कारण रोगी को कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। निम्न लक्षण दर्शाते हैं कि रोगी को गुर्दे की पथरी के इलाज की आवश्यकता है -
- पीठ और पसलियों के ठीक नीचे तेज दर्द होना
- पेट के निचले भाग और ग्रोइन क्षेत्र (पेट और जांघों के बीच का क्षेत्र) में तेज दर्द
- पेशाब करते समय जलन महसूस होना
इन लक्षणों के महसूस होने पर जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।
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गुर्दे की पथरी के इलाज की आवश्यकता क्यों है?
जैसा कि हम लोग जानते हैं कि छोटे आकार की पथरी के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन कुछ बड़े आकार की पथरी शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं, जो दर्द और असहजता का कारण बन सकते हैं। कई बार बड़े आकार की पथरी मूत्र पथ को इस प्रकार अवरुद्ध कर देते हैं कि मूत्र में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है। इन सभी स्थितियों से बचने के लिए डॉक्टर ऑपरेशन का सुझाव दे सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के इलाज से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
गुर्दे की पथरी के इलाज से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले तो डॉक्टर इलाज से पहले कुछ निदान का सुझाव दे सकते हैं। डॉक्टर किडनी में स्टोन की उपस्थिति की पुष्टि करने और उनके आकार, स्थान और संख्या का निर्धारण करने के लिए कुछ नैदानिक परीक्षणों का सुझाव दे सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के इलाज से पहले निदान
किडनी स्टोन की पुष्टि के लिए डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं -
- इमेजिंग परीक्षण: एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और सीटी स्कैन पथरी के बारे में पूरी जानकारी दे सकते हैं।
- रक्त परीक्षण: रक्त में कैल्शियम, फास्फोरस, यूरिक एसिड और इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा की जांच के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
- ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (बीयूएन) और क्रिएटिनिन: गुर्दे में मौजूद असामान्यताओं के कारण रक्त में कुछ अपशिष्ट पदार्थ आ जाते हैं, जिसकी जांच इस परीक्षण से संभव है।
- यूरिनलिसिस: मूत्र में मौजूद असामान्यता की पहचान के लिए डॉक्टर इस परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के इलाज की तैयारी कैसे करें?
किडनी की पथरी के ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए डॉक्टर कुछ सुझाव दे सकते हैं। यह सभी दिशा निर्देश गुर्दे की पथरी के इलाज में एक अहम भूमिका निभाते हैं। यदि रोगी को डॉक्टर ने ऑपरेशन का सुझाव दिया है, तो रोगी निम्नलिखित निर्देशों का पालन कर ऑपरेशन के बाद जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकते हैं -
- ऑपरेशन से पहले चल रही किसी भी दवा के बारे में अपने डॉक्टर को सूचित करें।
- प्रक्रिया के दौरान जटिलताओं के जोखिम का आकलन करने के लिए किडनी स्टोन के डॉक्टर के साथ अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर चर्चा करें और उनसे बचने के सुझावों पर कार्य करें।
- ऑपरेशन वाले क्षेत्र के आसपास असुविधा से बचने के लिए ढीले-ढाले और कपास के कपड़े पहनें। इससे ऑपरेशन के बाद होने वाली असुविधाओं से बचा जा सकता है।
- ऑपरेशन से पहले तंबाकू का सेवन बंद कर दें।
- यदि रोगी को एनेस्थीसिया से संबंधित किसी भी प्रकार की एलर्जी है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को इसकी सूचना दें।
- ऑपरेशन से 8 से 9 घंटे पहले कुछ भी खाने पीने की सलाह नहीं दी जाती है।
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