Connect with Pristyn Care

Connection failed: SQLSTATE[08S01]: Communication link failure: 1153 Got a packet bigger than 'max_allowed_packet' bytes

मोलर प्रेगनेंसी (दाढ़ गर्भावस्था): दाढ़ गर्भावस्था के बाद सफल गर्भावस्था

मोलर प्रेगनेंसी एक दुर्लभ प्रकार की गर्भावस्था है, जिसमें गर्भाशय में असामान्य ऊतक का विकास होता है। यह ऊतक भ्रूण या प्लेसेंटा के रूप में विकसित नहीं होता है, बल्कि एक ट्यूमर के रूप में विकसित होता है। मोलर प्रेगनेंसी का इलाज बहुत ज्यादा अनिवार्य है, नहीं तो इसके कारण... और पढ़ें महिला की जान भी जा सकती है। तुरंत हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञों से मिलें और त्वरित इलाज प्राप्त करें।

Call us: +91 9821-247-134

डॉक्टर से नि:शुल्क अपॉइंटमेंट बुक करें

Arrow Icon
Arrow Icon
Call us: +91 9821-247-134
2M+
खुश मरीज
50+
बीमारी
700+
अस्पताल
40+
शहर
USFDA-Approved Procedure

यूएसएफडीए-अनुमोदित प्रक्रिया

Support in Insurance Claim

बीमा दावे में सहायता

No-Cost EMI

नो-कॉस्ट ईएमआई

1-day Hospitalization

1 दिन अस्पताल में भर्ती

मोलर प्रेगनेंसी क्या है? - Molar Pregnancy Kya hai

मोलर प्रेगनेंसी एक गंभीर समस्या है, जिसके लक्षण और उपचार के बारे में हर महिला को जानकारी अवश्य होनी चाहिए। नॉर्मल प्रेगनेंसी के दौरान बच्चेदानी में टिश्यू का विकास होता है और वह धीरे धीरे प्लेसेंटा में बदलने लगता है, जिस कारण पेट में बच्चे को खाना मिल पाता है। लेकिन मोलर प्रेगनेंसी (Molar Pregnancy) के दौरान प्लेसेंटा नहीं बन पाता है और टिश्यू ट्यूमर का रूप ले लेता है। इस ट्यूमर को मोल भी कहा जाता है।

बिना प्लेसेंटा के बच्चे का भरण पोषण नहीं हो पाता है, इसलिए प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही मिसकैरेज होने के संभावना बढ़ जाती है। इस प्रकार की प्रेगनेंसी का पता डॉक्टर 8 से 12 हफ्तों के बीच लगा लेते हैं और फिर वह एचसीएच लेवल की जांच करते हैं। इस प्रकार की प्रेगनेंसी होने के दौरान एचसीएच लेवल का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है।

गर्भावस्था देखभाल के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर

कोई परिणाम नहीं...

मोलर प्रेगनेंसी क्या है? - Molar Pregnancy Kya hai

मोलर प्रेगनेंसी एक गंभीर समस्या है, जिसके लक्षण और उपचार के बारे में हर महिला को जानकारी अवश्य होनी चाहिए। नॉर्मल प्रेगनेंसी के दौरान बच्चेदानी में टिश्यू का विकास होता है और वह धीरे धीरे प्लेसेंटा में बदलने लगता है, जिस कारण पेट में बच्चे को खाना मिल पाता है। लेकिन मोलर प्रेगनेंसी (Molar Pregnancy) के दौरान प्लेसेंटा नहीं बन पाता है और टिश्यू ट्यूमर का रूप ले लेता है। इस ट्यूमर को मोल भी कहा जाता है।

बिना प्लेसेंटा के बच्चे का भरण पोषण नहीं हो पाता है, इसलिए प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही मिसकैरेज होने के संभावना बढ़ जाती है। इस प्रकार की प्रेगनेंसी का पता डॉक्टर 8 से 12 हफ्तों के बीच लगा लेते हैं और फिर वह एचसीएच लेवल की जांच करते हैं। इस प्रकार की प्रेगनेंसी होने के दौरान एचसीएच लेवल का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है।

मोलर प्रेगनेंसी के प्रकार - Molar Pregnancy ke Prakar

मुख्यतः मोलर प्रेगनेंसी दो प्रकार की होती हैं।

  • कंप्लीट मोलर प्रेगनेंसी: इस प्रकार की मोलर प्रेगनेंसी में टिश्यू प्लेसेंटा में नहीं बदल पाता है और सारे के सारे मोल बन जाते हैं।
  • पार्शियल मोलर प्रेगनेंसी: इस प्रकार की प्रेगनेंसी में कुछ नॉर्मल प्लेसेंटा टिश्यू भी बन जाते हैं, जिसके कारण कुछ मोलर टिश्यू बन जाते हैं। लेकिन इस केस में भी उतने प्लेसेंटा टिश्यू नहीं बन पाते हैं जिससे बच्चे को बचाया जा सके। इसलिए इसमें भी मिसकैरेज होने की संभावना लगातार बनी रहती है।

मोलर प्रेगनेंसी के इलाज की आवश्यकता क्यों है?

शरीर में मोलर प्रेगनेंसी लंबे समय तक बनी नहीं रह सकती है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो मिसकैरेज हो सकता है और यदि स्थिति ज्यादा गंभीर है तो इससे महिलाओं को जान का जोखिम भी हो सकता है। मोलर गर्भावस्था एक अत्यंत गंभीर स्थिति है और इसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो इसके कारण महिला को उनके जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ पूर्ण निदान के बाद गर्भावस्था की गंभीरता और चरण के साथ-साथ संकेतों और लक्षणों के आधार पर उपयुक्त उपचार की सलाह देते हैं।

स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भावस्था की गंभीरता और चरण के साथ-साथ लक्षणों के आधार पर पूर्ण निदान के बाद उपयुक्त उपचार की सलाह दे सकते हैं।

मोलर प्रेगनेंसी के इलाज से पहले ध्यान देने योग्य बातें!

मोलर प्रेगनेंसी के इलाज से पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से बात करें। वह आपके लिए सबसे अच्छे इलाज का विकल्प निर्धारित करने में आपकी मदद कर सकते हैं। सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि सर्जरी से पहले की तैयारी और दिशा-निर्देश क्या है? चलिए समझते हैं कि सर्जरी से पहले किन दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए -

मोलर प्रेगनेंसी के इलाज से पहले की तैयारी एवं निर्देश

  • अपने डॉक्टर से बात करें: अपने डॉक्टर से सर्जरी के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। वह आपको सर्जरी के लिए तैयार करने में मदद कर सकते हैं। वह आपको सर्जरी से संबंधित पूरी जानकारी तो देंगे ही लेकिन इसके साथ-साथ आपको सर्जरी के लिए तैयारी करने में भी मदद करेंगे।
  • अपनी दवाएं लें: आपको सर्जरी से पहले किसी भी निर्धारित दवा को जारी रखने के लिए कहा जा सकता है। इन दवाओं से ऑपरेशन में उत्पन्न होने वाली संभावित जटिलताओं से बचने में मदद मिलती है। 
  • अपनी दवाओं के बारे में बताएं: जिन दवाओं का आप सेवन कर रहे हैं उसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दें। इससे आपको बहुत लाभ मिलेगा। इससे डॉक्टर आपके स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
  • वर्तमान स्वास्थ्य पर अपने डॉक्टर से चर्चा करें: अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आप किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं। आपकी सर्जरी की योजना बनाने में यह जानकारी महत्वपूर्ण साबित होगी। इस संबंध में पूर्ण जानकारी होने के बाद ही डॉक्टर सर्जरी का निर्णय लेते हैं।
  • गर्भ धारण के निर्णय से पहले डॉक्टर से बात करें: गर्भ धारण करने की योजना बनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। मोलर प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
  • सर्जरी से कुछ घंटे पहले तक कुछ भी खाने पीने से परहेज करें: एनेस्थीसिया से संबंधित जटिलताओं से बचने के लिए सर्जरी से कम से कम 4-6 घंटे पहले कुछ भी खाने पीने की सलाह नहीं दी जाती है।
  • कैंसर के लिए निगरानी: मोलर प्रेगनेंसी के बाद, महिलाओं को कैंसर के संबंध में अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता होती है। मोलर प्रेगनेंसी के बाद कुछ महिलाओं में कोरियोकार्सिनोमा नाम का कैंसर हो सकता है।
  • अतिरिक्त कपड़े साथ लाएं: सर्जरी के बाद कपड़े बदलने के लिए कुछ ढीले, आरामदायक और सूती कपड़े साथ रखें।
  • अतिरिक्त सैनिटरी पैड साथ लाएं: सर्जरी के बाद योनि से रक्त हानि के लिए उपयोग करने के लिए सेनेटरी पैड का एक पैकेट साथ रखें।

मोलर प्रेगनेंसी के इलाज के दौरान होने वाली जांच

सामान्य रूप से मोलर प्रेगनेंसी का निदान नियमित गर्भावस्था जांच के दौरान किया जा सकता है। लेकिन, यदि रोगी में मोलर प्रेगनेंसी या फिर दाढ़ गर्भावस्था का संकेत दिखते हैं, तो डॉक्टर रोगी को निम्नलिखित परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं -

  • रक्त परीक्षण: यह परीक्षण एचसीजी के स्तर का आकलन करने के लिए किया जाता है, जो कि एक गर्भावस्था हार्मोन है। सामान्य गर्भावस्था की तुलना में मोलर गर्भावस्था के मामले में एचसीजी का स्तर थोड़ा ज्यादा होता है।
  • ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड: इस परीक्षण में बच्चेदानी की विस्तृत तस्वीर बनाई जाती है। इस परीक्षण के द्वारा बच्चेदानी के अंदर की ऊतकों को स्कैन किया जाता है। इस परीक्षण के द्वारा बच्चेदानी में सिस्ट की उपस्थिति को समझने में भी मदद मिलती है।
  • मूत्र परीक्षण: यह मूत्र के रंग और उनमें मौजूद तत्वों की संरचना की जांच करने के लिए किया जाता है। मूत्र परीक्षण एचसीजी के स्तर को समझने में भी मदद करते हैं। मूत्र में एचसीजी का उच्च स्तर आपके शरीर में मोलर प्रेगनेंसी टिश्यू का संकेत देता है।

मोलर प्रेगनेंसी के लिए शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि

मोलर प्रेगनेंसी का इलाज सर्जरी से संभव है। हालांकि कुछ मामलों में डॉक्टर सर्जरी के सिवाय दवाओं का सुझाव देते हैं, लेकिन इससे स्थिति का कोई स्थाई समाधान नहीं मिलेगा। दवाओं के साथ निरंतर निगरानी, ​​​​बार-बार फॉलो-अप और उपचार की लंबी अवधि की आवश्यकता होती है। हालांकि, यदि मोलर प्रेगनेंसी के इलाज के लिए सबसे प्रभावी इलाज सर्जरी ही है। चलिए पहले समझते हैं कि दवा इस स्थिति का इलाज कैसे कर सकती है -

दवा: आमतौर पर मेथोट्रेक्सेट दवा का उपयोग मोलर प्रेगनेंसी के इलाज के लिए किया जाता है। दवा सीधे मरीज को इंजेक्शन के जरिए दी जाती है। इस दवा का सिंगल डोज ही दिया जाता है। डॉक्टर प्रक्रिया से पहले और बाद में एचसीजी स्तर की निगरानी करते हैं। यदि पहली खुराक गर्भावस्था को समाप्त करने में विफल रहती है, तो आपको दूसरी खुराक की आवश्यकता हो सकती है। गर्भावस्था की समाप्ति की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड का सुझाव दिया जाता है।

आमतौर पर मोलर प्रेगनेंसी का इलाज सर्जरी के माध्यम से संभव है। सर्जरी के दौरान, बच्चेदानी से असामान्य ऊतक को हटाया जाता है। मोलर प्रेगनेंसी के लिए दो प्रकार की सर्जरी का सुझाव दिया जाता है। 

डाइलेशन और क्यूरेटेज (D&C)

इस प्रक्रिया में, गर्भाशय ग्रीवा को चौड़ा करने के लिए दवा का उपयोग किया जाता है। फिर, एक सक्शन डिवाइस का उपयोग करके गर्भाशय से असामान्य ऊतकों को निकाल लिया जाता है। यह एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है जिसमें आपको अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती है। डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं - 

  • सबसे पहले महिला को एनेस्थीसिया दिया जाता है। 
  • इसके पश्चात सर्जिकल क्षेत्र को एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है।
  • गर्भाशय ग्रीवा को चौड़ा करने के लिए एक दवा का उपयोग किया जाता है।
  • एक सक्शन डिवाइस का उपयोग करके गर्भाशय से असामान्य ऊतक को हटा दिया जाता है।

हिस्टेरेक्टॉमी - Hysterectomy

हिस्टेरेक्टॉमी एक बड़ी सर्जरी है, जिसे अस्पताल में किया जाता है। डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव उन मामलों में करते हैं, जिनमें मोलर प्रेगनेंसी का उच्च जोखिम होता है, या जिनमें D&C प्रक्रिया के बाद असामान्य ऊतक शेष रह जाते हैं। इस प्रक्रिया में गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा और आसपास के ऊतकों को हटा दिया जाता है। हिस्टेरेक्टॉमी प्रक्रिया के दौरान, निम्नलिखित चरण शामिल हैं - 

  • सबसे पहले महिला को एनेस्थीसिया दिया जाता है। 
  • इसके पश्चात सर्जिकल क्षेत्र को एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है।
  • गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा और आसपास के ऊतकों को हटाने के लिए चीरा लगाया जाता है और सर्जिकल उपकरणों को प्रवेश करा कर उन ऊतकों को निकाल लिया जाता है। 
  • ऑपरेशन के बाद चीरे को बंद कर दिया जाता है।

दोनों ही सर्जरी को जनरल एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है, इसलिए यह पूरी तरह से दर्द रहित है। प्रक्रिया को करते समय, डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा को चौड़ा करने के लिए दवा देते हैं, जिसमें लगभग 30-40 मिनट लगते हैं। 

मोलर प्रेगनेंसी के इलाज के बाद देखभाल कैसे करें?

मोलर प्रेगनेंसी सर्जरी के बाद किसी भी जटिलता से बचने के लिए यहां कुछ सावधानियां दी गई हैं, जिनका आपको कम-से-कम 2 सप्ताह तक पालन करना चाहिए। इलाज के बाद कुछ चीजों का ख्याल रखना बहुत ज्यादा अनिवार्य है, जैसे - 

  • टैम्पोन के प्रयोग से बचें: मोलर प्रेगनेंसी सर्जरी के बाद टैम्पोन का प्रयोग हानिकारक साबित हो सकता है। इसके कारण महिला को माइक्रोबियल इंफेक्शन का खतरा लगातार बना रहता है। इसके अतिरिक्त सर्जिकल क्षेत्र बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
  • सुगंधित साबुनों के उपयोग से बचें: सुगंधित साबुन में कठोर रसायन होते हैं, जो आपकी त्वचा पर कठोर हो सकते हैं और संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ा सकते हैं।
  • योनि से रक्त हानि के लिए सैनिटरी पैड का उपयोग करें: सर्जरी के बाद योनि से निकलने वाले रक्त के बहाव को संभालने के लिए डॉक्टर सैनिटरी पैड का सुझाव दे सकते हैं। टैम्पोन के मुकाबले पैड का प्रयोग थोड़ा अधिक सुरक्षित माना जाता है। 
  • मानसिक स्वास्थ्य का रखें ख्याल: गर्भावस्था के नुकसान से भावनात्मक और मानसिक दोनों प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए वह करें जिससे आपको खुशी मिले। इसके लिए आप अपने मित्र या फिर किसी प्रियजन से भी मिल सकते हैं। कुछ मामलों में, महिलाएं इस स्थिति को एक दोष की तरह ही देखती हैं। 
  • फर्टिलिटी पर असर: आमतौर पर मोलर प्रेगनेंसी का मेडिकल और सर्जिकल इलाज फर्टिलिटी को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन कुछ मामलों में जहां हिस्टेरेक्टॉमी का सुझाव दिया जाता है, वहां पर महिला के प्रजनन स्वास्थ्य को हानि होती है। इस संबंध में अपने डॉक्टर से विचार करें। 

मोलर प्रेगनेंसी की सर्जरी के बाद डॉक्टर आराम करने का सुझाव देते हैं। ऐसा करने से रोगी को बहुत आराम मिल सकता है। डॉक्टर आपको दर्द निवारक दवाओं का सुझाव भी दे सकते हैं। लेकिन कुछ मामलों में रोगी को सर्जरी के बाद निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है - 

  • भारी रक्त हानि
  • दर्द
  • बुखार
  • सूजन

ऐसा होने पर घबराना नहीं है और तुरंत इलाज के लिए अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें। 

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद ठीक होने में लगने वाला समय सर्जरी के प्रकार और आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। बिना सर्जरी के इस स्थिति का इलाज तो वैसे भी संभव नहीं है। चलिए सर्जरी के प्रकार के आधार पर जानते हैं कि मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लगेगा:

  • डाइलेशन और क्यूरेटेज (D&C): यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसे एक आउट पेशेंट प्रक्रिया के तौर पर किया जाता है। आमतौर पर इस प्रक्रिया के बाद आप अपने घर जा सकते हैं। आपको कुछ दिनों के लिए आराम करने और अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होती है।
  • हिस्टेरेक्टॉमी: हिस्टेरेक्टॉमी एक संवेदनशील सर्जरी है, जिसे अस्पताल में किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद, आपको कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है। आपको घर लौटने के बाद भी कुछ सप्ताह के लिए आराम करने और अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होती है।

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन में कितना खर्च आता है?

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन का खर्च कई कारकों के द्वारा प्रभावित होता है, जैसे सर्जरी का प्रकार, अस्पताल, डॉक्टर की फीस और अन्य खर्च। आमतौर पर दाढ़ गर्भावस्था के लिए डी एंड सी प्रक्रिया में 25,000 रुपये से 40,000 तक का खर्च आ सकता है। वहीं दूसरी तरफ हिस्ट्रेक्टोमी प्रक्रिया में 50,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक लग सकते हैं। किस प्रकार की सर्जरी का प्रयोग होगा, यह डॉक्टर निर्धारित करते हैं। अधिक स्पष्ट जानकारी के लिए आप हमारे अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं। 

जोखिम और जटिलताएं

मोलर प्रेगनेंसी से संबंधित कुछ जोखिम और जटिलताएं हैं, जिसकी जानकारी प्रक्रिया से पहले हर महिला को होनी चाहिए। इसके संबंध में आप अपने डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं। निम्नलिखित जटिलताओं का खतरा लगातार बना रहता है

  • बच्चेदानी को नुकसान: इलाज के दौरान या फिर इलाज से पहले स्थिति प्रतिकूल हो सकती है और तब डॉक्टर बच्चेदानी निकालना का सुझाव भी दे सकते हैं। कुछ मामलों में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को भी हानि हो सकती है। 
  • रक्त हानि: मोलर प्रेगनेंसी  के दौरान रक्त हानि का सबसे अधिक खतरा होता है। यदि ऑपरेशन के बाद ऐसा होता है तो सैनिटरी पैड का प्रयोग करें। स्थिति नियंत्रण न हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। 
  • सर्जरी के बाद भी मोलर प्रेगनेंसी का बने रहना: 15% से 20% मामलों में मोलर प्रेगनेंसी या फिर दाढ़ गर्भावस्था के ऊतक बने रह सकते हैं और धीरे-धीरे वह बढ़ने लगते हैं। इसे परसिस्टेंट जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक नियोप्लाजिया (जीटीएन) कहा जाता है।

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के फायदे - Molar pregnancy ke ilaj ke faide

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के कई फायदे हैं, जैसे -

  • स्थिति का इलाज: यदि मोलर प्रेगनेंसी का समय पर इलाज नहीं होती है, तो यह एक गंभीर स्थिति बन सकती है, और इसका इलाज न करने से जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। सर्जरी स्थिति का इलाज करने और जटिलताओं को रोकने का एक प्रभावी तरीका है।
  • गर्भधारण के लिए सुरक्षित: मोलर प्रेगनेंसी के बाद, महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। हालांकि, सर्जरी के बाद, महिलाएं आमतौर पर गर्भधारण करने में सक्षम हो जाती हैं। कुछ ही मामलों में स्थिति थोड़ी प्रतिकूल होती है। 
  • मानसिक स्वास्थ्य लाभ: मोलर प्रेगनेंसी एक भावनात्मक रूप से कठिन स्थिति है। सर्जरी एक नई शुरुआत का प्रतीक है। यदि सर्जरी के बाद महिलाएं फिर से गर्भ धारण कर पाएंगी तो उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होना निश्चित है। इस संबंध में अपने डॉक्टर से बात ज़रूर करें।

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद सबसे जरूरी है फॉलो-अप। आपको अपने डॉक्टर से निम्नलिखित समय पर मिलने की आवश्यकता होती है - 

  • 2 सप्ताह: सर्जरी के 2 सप्ताह के बाद फॉलोअप बहुत ज्यादा ज़रूरी है। आपके डॉक्टर आपके घाव की जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि आप रिकवर हो रहे हैं। 
  • 6 सप्ताह: डॉक्टर आपके एचसीजी स्तर की जांच करते हैं। यदि आपके एचसीजी स्तर सामान्य नहीं है, तो यह संकेत करता है कि आपको अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता है। 
  • 12 महीने: डॉक्टर आपके बच्चेदानी की जांच करते हैं और ध्यान देते हैं कि कोई समस्या न हो। इस दौरान आप उनसे भविष्य में गर्भ धारण करने की इच्छा भी जाहिर कर सकते हैं।

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए क्या नहीं

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल खुद ही रखना चाहिए। स्वस्थ और संतुलित आहार इसमें आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। आपके डॉक्टर भी प्रक्रिया के बाद आपको विशिष्ट आहार संबंधी सुझाव दे सकते हैं। सामान्य तौर पर, मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद आपको निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए:

  • ताजे फल और सब्जियां: फल और सब्जियां आवश्यक विटामिन, खनिजों और फाइबर का एक अच्छा स्रोत होते हैं। ताजे फल और सब्जियां अनेकों बीमारियों से भी बचा सकते हैं। 
  • होल ग्रेन: होल ग्रेन फाइबर और पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। इससे कब्ज जैसे गंभीर रोग दूर रहते हैं। 
  • मन को तृप्त करने वाला भोजन: स्वस्थ आहार के साथ ऐसे आहार का चुनाव करें जो आपको खुशी दे। 
  • लीन प्रोटीन: लीन प्रोटीन आपको मांस, मछली, अंडे और नट्स और बीज से मिलता है। इसके सेवन से आपको बहुत लाभ मिलेगा। 
  • हेल्दी फैट: हेल्दी फैट ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। इससे शरीर को अपने रोजाना के कार्य करने में मदद मिलेगी। 

मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद आपको निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए:

  • प्रोसेस्ड फूड: प्रोसेस्ड फूड में चीनी, वसा और सोडियम की मात्रा अधिक होती है। इसके कारण लिवर, किडनी और पूरे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। 
  • फास्ट फूड: फास्ट फूड में अक्सर पोषक तत्वों की कमी होती है और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है जिसका प्रबंधन थोड़ा मुश्किल होता है।  
  • शराब और कैफीन: शराब और कैफीन बच्चेदानी को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे रक्त हानि की संभावना लगातार बनी रहती है। 

खाने और आहार संबंधित किसी भी प्रश्न के उत्तर जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या मोलर प्रेगनेंसी के बाद कैंसर का खतरा बढ़ जाता है?

हाँ, मोलर प्रेगनेंसी के बाद कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है। इस खतरे को कोरियोकार्सिनोमा कहा जाता है। यह मोलर प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं में होने वाला एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अधिकांश महिलाओं को मोलर प्रेगनेंसी के बाद कैंसर नहीं होता है। वास्तव में, मोलर प्रेगनेंसी के बाद कैंसर का खतरा लगभग 1% महिलाओं में होता है।

क्या मोलर प्रेगनेंसी के बाद फिर से गर्भवती होना संभव है?

हां, मोलर प्रेगनेंसी के बाद महिलाएं फिर से गर्भ धारण कर सकती हैं। वास्तव में, अधिकांश महिलाएं जो मोलर प्रेगनेंसी के बाद गर्भवती होती हैं, वह एक स्वस्थ संतान को जन्म देते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मोलर प्रेगनेंसी के बाद फिर से गर्भवती होने का भी जोखिम होता है जो बहुत कम है।

क्या मोलर प्रेगनेंसी प्रजनन स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है?

आमतौर पर मोलर प्रेगनेंसी महिला के प्रजनन स्वास्थ्य को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाता है। यदि आप मोलर प्रेगनेंसी के बाद फिर से गर्भवती होती हैं, तो अपने डॉक्टर से गर्भपात के जोखिम और गर्भावस्था के दौरान की सावधानियों के बारे में बात जरूर करें।

क्या मोलर प्रेगनेंसी से बचने का कोई तरीका है?

मोलर प्रेगनेंसी को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालांकि, कुछ चीजें हैं, जो आप कर सकती हैं। इससे जोखिम कम हो सकता है -

  • गर्भधारण करने से पहले फोलिक एसिड लेना चाहिए।
  • यदि आप 35 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, तो गर्भधारण से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
  • यदि आपको पहले कभी मोलर प्रेगनेंसी की समस्या हुई है तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह परामर्श करना चाहिए।

क्या मोलर प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद भावनात्मक सहायता की आवश्यकता होती है?

मोलर प्रेगनेंसी एक भावनात्मक रूप से कठिन अनुभव हो सकता है। सामान्यतः महिलाएं दुख, गुस्से, भ्रमित या अकेला महसूस कर सकती हैं। इस स्थिति में उन महिलाओं को थोडे भावनात्मक सहायता की आवश्यकता हो सकती है। अपने भावनात्मक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए, आप निम्न कार्य कर सकते हैं:

  • अपने साथी, परिवार और दोस्तों से बात करें।
  • मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें।

डॉक्टर से नि:शुल्क अपॉइंटमेंट बुक करें

Arrow Icon
Arrow Icon
×