पैराफिमोसिस क्या है?
जब लिंग की फोरस्किन लिंग के पिछले हिस्से पर चढ़ जाती है और वापस अपनी मूल अवस्था में नहीं आती उसे पैराफिमोसिस कहते हैं। इस स्थिति में फोरस्किन लिंग के पिछले हिस्से में किसी रिंग की तरह चिपक जाती है जिससे पेनिस में गंभीर दर्द होता है। यह स्थिति तब निर्मित होती है जब लिंग की चमड़ी को पीछे की ओर जोर लगाकर खींचा जाता है और दोबारा अपनी मूल स्थिति में नहीं आ पाती है।
पैराफिमोसिस के कारण दर्द और सूजन दोनो हो सकती है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे स्वास्थ्य को गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके इलाज के लिए सबसे पहले मरीज का फिजिकल टेस्ट किया जाता है। कुछ मामलों में, एक शारीरिक परीक्षण आवश्यक नहीं होता है और उपचार से पहले कई अन्य तकनीकों पर आधारित टेस्ट कराने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं।
पैराफिमोसिस के कारण
पैराफिमोसिस के निम्न कारण हो सकते हैं:
- लिंग की चमड़ी को लंबे समय तक के लिए पीछे खींचना
- किसी प्रकार के संक्रमण के कारण
- जननांगों को होने वाले किसी भी प्रकार के शारीरिक आघात के कारण
पैराफिमोसिस की आवश्यकता क्यों है?
यदि पैराफिमोसिस का समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसमें गैंग्रीन, इस्किमिया और नेक्रोसिस जैसी स्वास्थ्य जटिलताएं शामिल हैं। इसके अलावा सेक्सुअल समस्याएं भी मरीज को हो सकती हैं। पेनाइल कैंसर, एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। यही कारण है कि इसके लक्षण दिखने पर मरीज को तुंरत इलाज कराने की सलाह दी जाती है।
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पैराफिमोसिस का इलाज कराने से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
पैराफिमोसिस का इलाज कराने से पहले मरीज को निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
सर्जरी से पहले
- खतना की लेजर सर्जरी करने से पहले डॉक्टर रोग से संबंधित शारीरिक जांच करेगा। इसके लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।
- डॉक्टर आपसे इस संबंध में कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी सवाल पूछेंगे। यादि आपने पैराफिमोसिस से होने वाली तकलीफ के लिए किसी दवा या क्रीम का इस्तेमाल किया है तो इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
- यदि आप रक्त को पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो सर्जरी से पहले डॉक्टर उन दवाओं का इस्तेमाल करने के लिए मना कर सकता है।
- यदि आप शराब का सेवन और धूम्रपान करते हैं तो सर्जरी से 20 दिन पहले आपको इनका सेवन करना बंद करना चाहिए।
- सर्जरी से पहले लिंग की साफ-सफाई का ध्यान रखें और कोई संक्रमण न होने दें। इससे रोग और अधिक गंभीर हो सकता है।
सर्जरी के बाद
- सर्जरी के बाद दर्द हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का सेवन समय पर करें। इससे तेजी से रिकवर होने में मदद मिलती है।
- सर्जरी के बाद मरीज को हवादार और ढीले कपड़े पहनने चाहिए। इससे सर्जरी के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स को कम करने में मदद मिल सकती है।
- सर्जरी के बाद कोई भी मेहनतकश काम करने से दूर रहे हैं।
- लिंग पर किसी भी प्रकार का दबाव न पड़ने दें।
- सर्जरी के 4 सप्ताह तक किसी भी सेक्सुअल एक्टिविटी से दूर रहें। मास्टरबेट भी न करें।
- सूजन और परेशानी से राहत पाने के लिए ठंडी सिकाई करें।
- सर्जिकल साइट पर लालिमा, गर्मी, कोमलता या डिस्चार्ज होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- सर्जरी के एक से दो सप्ताह बाद डॉक्टर से मिलकर परामर्श लेते रहें।
पैराफिमोसिस की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि
पैराफिमोसिस के जटिल मामलों में सर्जिकल उपचार की आवश्यक होती है। सर्जन पैराफिमोसिस उपचार के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग कर सकते हैं:
- ओपन खतना सर्जरी: यह खतना करने की एक पारंपरिक सर्जरी है। इसमें स्थानीय या जनरल एनेस्थीसिया देकर रोगी को बेहोश किया जाता है। इस प्रक्रिया में सर्जन लिंग की अतिरिकक्त चमड़ी को हटा देता है। इसके बाद त्वचा में गलने वाले टांके की मदद से कट वाली जगह को बंद कर दिया जाता है। एक बार खतना होने के बाद मरीज को लिंग के संक्रमण से संबंधित कोई भी परेशानी का समना नहीं करना पड़ता है।
- लेजर खतना सर्जरी: इस प्रक्रिया में लेजर के जरिया लिंग की अतिरिक्त चमड़ी को हटाया जाता है। यह न्यूनतम इनेविसेव सर्जरी है जो केवल 20 मिनट में ही पूरी कर ली जाती है। इसमें टांके लगाने की जरूरत नहीं होती। हालांकि मरीज को एनेस्थीसिया जरूर दिया जाता है।
- स्टेपलर खतना सर्जरी: इस प्रक्रिया में स्टैपलर की मदद से लिंग की अतिरिक्त चमड़ी को हटाया जाता है। सर्जन त्वचा को निकालने और उसके किनारों को बंद करने के लिए एक सर्जिकल स्टेपलर का उपयोग करता है। यह प्रक्रिया सामान्य ऐनेस्थीसिया की मदद से की जाती है।
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