पीसीओडी/पीसीओएस के इलाज की आवश्यकता क्यों है?
वर्तमान पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पहले के समय में यह समस्या 30 से 35 साल की महिलाओं को ज्यादा परेशान करती थी, लेकिन अब 18 से 20 साल की लड़कियों में भी पीसीओडी की समस्या देखने को मिलती है। जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया है, पीसीओडी एक हार्मोनल समस्या है, जो हमारे खराब जीवनशैली के कारण उत्पन्न होती है।
इस समस्या में बच्चेदानी में गांठ बन जाती हैं। इस स्थिति के कारण महिलाओं को कई तरह की हार्मोनल समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस वाली महिलाएं ग्लूकोज असहिष्णुता, टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस, लिवर स्टीटोसिस और मेटाबोलिक सिंड्रोम, उच्च रक्तचाप, डिसलिपिडेमिया, वैस्कुलर रोग, सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटनाओं और संभवतः हृदय संबंधी घटनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। इसलिए इसका समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है, अन्यथा यह महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशान कर सकती हैं।
पीसीओडी/पीसीओएस के इलाज से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
- अपने डॉक्टर से बात करें: अपने डॉक्टर से बात करें और अपने लक्षणों, मेडिकल हिस्ट्री और उपचार विकल्पों के बारे में चर्चा करें।
- अपनी भावनाओं को प्रबंधित करें: पीसीओडी/पीसीओएस एक जटिल विकार है, इसलिए अपनी भावनाओं को प्रबंधित करने के लिए तैयार रहें।
- अपने जीवनशैली में बदलाव करें: पीसीओडी/पीसीओएस के इलाज में मदद करने के लिए, स्वस्थ आहार खाने, नियमित व्यायाम करने और वजन कम करने पर ध्यान दें।
- समय पर दवाएं लें: यदि आपको कोई दवा दी जाती है, तो उसे निर्देशानुसार लें।
- नियमित रूप से जांच करवाएं: अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपका इलाज ठीक से हो रहा है।
सर्जरी से पहले की तैयारी एवं निर्देश
- अपने डॉक्टर के सभी निर्देशों का पालन करें।
- सर्जरी से पहले अपने सभी दवाओं को लेना बंद न करें। इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं।
- गर्भधारण करने की सूचना अपने डॉक्टर को दें।
- यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो इसकी जानकारी भी अपने डॉक्टर को दें।
- सर्जरी से पहले अपने डॉक्टर से अपने वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर चर्चा करें।
इलाज के पहले होने वाली जांच
यदि डॉक्टर को संदेह है कि महिला पीसीओएस की शिकार हो सकती है, तो वह अलग-अलग परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं। हालांकि, बीएमआई स्तर की जांच के साथ इंसुलिन, ब्लड शुगर और हार्मोन के स्तर का परीक्षण किया जाना चाहिए। निदान यह निर्धारित करने में मदद करता है कि पीसीओएस मौजूद है या नहीं। कुछ सामान्य नैदानिक परीक्षण इस प्रकार हैं -
- शारीरिक परीक्षण: शारीरिक परीक्षण के दौरान, डॉक्टर आपके ब्लड प्रेशर और कमर के आकार की जांच करते हैं। वह अतिरिक्त बालों के विकास, मुंहासे और फीकी पड़ चुकी त्वचा का विश्लेषण करते हैं।
- पेल्विक अल्ट्रासाउंड (सोनोग्राम): इस परीक्षण के द्वारा महिला प्रजनन क्षेत्रों जैसे योनि, गर्भाशय ग्रीवा, बच्चेदानी और फैलोपियन ट्यूब की जांच की जाती है। डॉक्टर आपके अंडाशय की स्थिति और बच्चेदानी की परत की मोटाई की जांच करते हैं। रिपोर्ट में विशेष रूप से ओवेरियन वॉल्यूम, फॉलिकल काउंट्स, और कोई अन्य प्रासंगिक जानकारी शामिल होती है, जैसे प्रमुख फॉलिकल या कॉर्पस ल्यूटियम।
- ब्लड टेस्ट: रक्त परीक्षण के द्वारा पीसीओडी/पीसीओएस से जुड़े हार्मोन के स्तर का आकलन करने में मदद करता है। रक्त परीक्षण के द्वारा आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को समझने में मदद मिलती है।
- मानसिक स्वास्थ्य का विश्लेषण: आमतौर पर इस टेस्ट के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य का विश्लेषण किया जाता है। अवसाद, चिंता और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की जांच के लिए इस परीक्षण का सुझाव दिया जाता है।
शुरुआती निदान से स्थिति का सटीक अनुमान लगा पाना थोड़ा कठिन हो सकता है। लक्षणों के आधार पर भी स्थिति का पता नहीं चल पाता है। यदि आपको पीसीओडी/पीसीओएस के लक्षण हैं, तो अपने डॉक्टर से बात ज़रूर करें। वह आपके लक्षणों का निदान और उपचार करने में मदद कर सकते हैं।
पीसीओडी/पीसीओएस की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि
लेप्रोस्कोपिक ओवेरियन ड्रिलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका प्रयोग सबसे ज्यादा होता है। इस विधि में डॉक्टर उन क्षेत्रों को लक्षित करते हैं, जहां अंडाशय पुरुष हार्मोन का निर्माण करते हैं। इस प्रक्रिया में दूरबीन का प्रयोग होता है, जिसमें से एक लेजर निकलती है और स्थिति का इलाज होता है। शल्य चिकित्सा पद्धति में स्थायी अंडाशय क्षति की संभावना होती है लेकिन महिला को इस रोग से मुक्ति मिल जाती है।
इसे डॉक्टरों के द्वारा तब सुझाया जाता है, जब अन्य उपचार के विकल्प विफल रहते हैं। पीसीओडी/पीसीओएस की सर्जरी के अन्य विकल्प भी होते हैं, जो स्थिति के अनुसार रोगी के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। सर्जरी के दो मुख्य प्रकार हैं -
- लेपरोस्कोपी: इस प्रक्रिया में, पेट में छोटे चीरे लगाए जाते हैं और उनमें लेप्रोस्कोप (दूरबीन) को डाला जाता है। लेप्रोस्कोप एक छोटा, पतला कैमरा होता है, जो सर्जरी के दौरान सर्जन को सर्जिकल क्षेत्र को देखने में मदद करता है। सिस्ट की पुष्टि हो जाने के बाद उसे एक छोटे से उपकरण का उपयोग करके हटा दिया जाता है।
- लैपरोटोमी: इस प्रक्रिया में पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। सर्जन फिर सिस्ट को हटाने की प्रक्रिया को अंजाम देते हैं। इस प्रक्रिया को मैनुअल तरीके से किया जाता है।
सर्जरी की विधि आपके लक्षणों की गंभीरता और आपके डॉक्टर की प्राथमिकताओं पर निर्भर करती है। लेकिन सभी मामलों में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। शुरुआती समय में इलाज के लिए डॉक्टर कुछ अन्य सर्जिकल विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य इलाज के विकल्प भी है, जिसका सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं जैसे -
- आहार में बदलाव: पीसीओडी और पीसीओएस की स्थिति में सबसे पहले डॉक्टर आहार में बदलाव करते हैं। जंक फूड या बाहर का खाना बंद करना होगा। प्रोसेस्ड फूड भी इस स्थिति में हानिकारक हो सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट और वाइट ब्रेड बंद कर दें।
- व्यायाम करें और वजन घटाएं: स्वस्थ जीवनशैली की लिए व्यायाम बहुत ज्यादा जरूरी है। अपने बीएमआई को नियंत्रण में रखें। सक्रिय रहें और वजन कम करें। अपने वजन को नियंत्रण में रखने से आपका स्वास्थ्य और मनोदशा काफी हद तक सामान्य हो सकता है।
- दवाएं: अलग-अलग मामलों में औषधीय उपचार अलग-अलग होते हैं। यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं या नहीं।
पीसीओडी/पीसीओएस के ऑपरेशन के बाद देखभाल कैसे करें?
पीसीओडी/पीसीओएस के ऑपरेशन के बाद देखभाल निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए -
- आराम करें: सर्जरी के बाद आराम करना की आवश्यकता होगी। आराम करने से शरीर को जल्द रिकवर होने में बहुत मदद मिलती है।
- भारी वस्तु न उठाएं: सक्रिय रहने या भारी सामान उठाने से बचें क्योंकि इससे पेट या फिर सर्जिकल क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- अपने घावों की देखभाल करें: अपने घावों को साफ और सूखा रखें। अपने डॉक्टर के द्वारा बताई गई किसी भी दवा या मलहम का उपयोग करें। दवाओं के डोस को बिल्कुल भी मिस न करें अन्यथा आपको समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- दर्द से राहत प्राप्त करें: सर्जरी के बाद दर्द हो सकता है। डॉक्टर इस संबंध में कुछ दिशा-निर्देश दे सकते हैं।
- अपने आहार पर ध्यान दें: स्वस्थ आहार खाने से आपको ठीक होने में मदद मिलेगी।
- नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करने से आपको ठीक होने में मदद मिलेगी और भविष्य में पीसीओडी/पीसीओएस के लक्षणों को रोकने में मदद मिलेगी।
पीसीओडी/पीसीओएस के इलाज के बाद की विशिष्ट दिशा-निर्देश
आमतौर पर दूरबीन से ऑपरेशन में आप सर्जरी के बाद कुछ घंटों के भीतर अपने घर जा सकती हैं। वहीं ओपन सर्जरी की तुलना में आपको सर्जरी के बाद एक या दो दिन अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है।
- आपके घावों को साफ और सूखा रखने के लिए, उन्हें दिन में दो बार हल्के साबुन और पानी से धोएं।
- अपने घावों पर से पट्टी या ड्रेसिंग न हटाएं। डॉक्टर के निर्देश के बाद ही ऐसा करने की सलाह दी जाती है।
- दर्द के दौरान डॉक्टर के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और दवा लें।
- अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ ज़रूर शामिल करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
पीसीओडी/पीसीओएस के ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर पीसीओडी/पीसीओएस की सर्जरी के बाद ठीक होने में कुछ हफ्ते लगते हैं। आपके द्वारा की गई सर्जरी के प्रकार, आपके सामान्य स्वास्थ्य और आपके द्वारा किए जाने वाले व्यायाम के स्तर के आधार पर यह समय अलग अलग हो सकता है। आधुनिक दूरबीन द्वारा सर्जरी में सर्जरी के बाद कुछ घंटों के भीतर रोगी घर जा सकते हैं। आपको अपने घावों की देखभाल करने और आराम करने की आवश्यकता होगी। कुछ दिनों के भीतर आप अपने सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
ओपन सर्जरी के मामले में आपको सर्जरी के बाद एक या दो दिन के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अपने घावों की देखभाल करने और आराम करने की आवश्यकता होगी, लेकिन आप आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
ऑपरेशन का खर्च - PCOD Operation ka Kharch
पीसीओडी/पीसीओएस की सर्जरी का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे -
- सर्जरी का प्रकार: दूरबीन की तुलना में लैपरोटोमी अधिक महंगी प्रक्रिया है।
- सर्जन की फीस: हर सर्जन की फीस अलग-अलग हो सकती है। अनुभवी सर्जन की फीस अधिक होती है और कम अनुभवी सर्जन की फीस ज्यादा होती है।
- अस्पताल की फीस: अस्पताल की फीस भी अलग-अलग हो सकती है। सुपरस्पेशल्टी अस्पतालों की फीस मल्टीस्पेशल्टी अस्पतालों की तुलना में अधिक होती है।
- चिकित्सीय उपकरण और दवाएं: चिकित्सा उपकरण और दवाएं भी सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकती हैं।
- जांच का खर्च: इलाज के लिए किन जांच प्रक्रियाओं का प्रयोग होगा इसका निर्णय डॉक्टर लेते हैं।
भारत में, पीसीओडी/पीसीओएस की सर्जरी का खर्च आमतौर पर 10,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच होता है। वहीं ओपन सर्जरी पूरी प्रक्रिया का खर्च थोड़ा ज्यादा होता है क्योंकि अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती होना पड़ता है।
यदि आपके पास स्वास्थ्य बीमा है, तो यह सर्जरी की लागत को कवर कर सकता है। हालांकि, सभी बीमा योजनाएं पीसीओडी/पीसीओएस की सर्जरी को कवर नहीं करती हैं। पीसीओडी/पीसीओएस की सर्जरी के वित्त संबंधी पहलू पर भी अपने डॉक्टर से बात करें।
जोखिम और जटिलताएं
यदि लंबे समय तक पीसीओएस का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है जैसे -
- उच्च रक्तचाप
- मधुमेह
- इंपेयर्ड ग्लूकोज टोलरेंस
- एमआई / सीएडी
- एंडोमेट्रियल कैंसर
- कम एचडीएल के साथ हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया
- गर्भावधि मधुमेह
- स्लीप एपनिया
पीसीओएस/पीसीओडी के ऑपरेशन के फायदे - PCOS/PCOD Operation ke Fayde
पीसीओडी/पीसीओएस की सर्जरी कई प्रकार के फायदे के लिए जाने जाते हैं जैसे -
- पीरियड्स अनियमितता से आराम: सर्जरी अंडाशय के हार्मोन के उत्पादन को कम करके अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने में मदद मिलती है।
- बांझपन की संभावना कम करना: सर्जरी के कारण ओव्यूलेशन में वृद्धि होती है, जिसके कारण बांझपन की संभावना को कम करने में मदद मिलती है।
- अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को रोकना या प्रबंधित करना: सर्जरी मधुमेह, हृदय रोग और स्तन कैंसर जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने या प्रबंधित करने में मदद मिलती है।
- प्रजनन स्वास्थ्य में वृद्धि: कई मामलों में देखा गया है कि महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में वृद्धि देखी गई है।
पीसीओएस/पीसीओडी के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं
पीसीओएस/पीसीओडी के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर के पास जाने के लिए निम्नलिखित समय निर्धारित किए गए हैं:
- तुरंत बाद: सर्जरी के बाद आपको अपने डॉक्टर से मिलने के लिए एक अपॉइंटमेंट लेनी चाहिए। इस सत्र में डॉक्टर आपकी स्थिति की समीक्षा करते हैं और सुनिश्चित करेंगे कि आप ठीक हो रहे हैं।
- एक सप्ताह: सर्जरी के एक सप्ताह बाद आपको अपने डॉक्टर से फिर से मिलना चाहिए। इस सत्र में डॉक्टर आपके घावों की जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि वह ठीक है।
- एक महीने: सर्जरी के एक महीने बाद आपको अपने डॉक्टर से फिर से मिलना चाहिए। इस सत्र में डॉक्टर आपके लक्षणों की समीक्षा करेंगे और यह निर्धारित करने में आपकी मदद करेंगे कि क्या सर्जरी प्रभावी थी और इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है कि नहीं।
इन सभी बातों के अतिरिक्त यदि आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- भारी रक्त हानि
- घाव से असामान्य तरल पदार्थ का निकलना
- घाव में लालिमा, सूजन या दर्द
- तेज बुखार
- ठंड लगना
- जी मचलना या उल्टी
पीसीओएस/पीसीओडी के ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए क्या नहीं
पीसीओएस/पीसीओडी के ऑपरेशन के बाद, आपको स्वस्थ आहार खाने पर ध्यान देना चाहिए। यह आपके घावों को ठीक करने में मदद करेगा और भविष्य में पीसीओएस/पीसीओडी के लक्षणों को रोकने में भी मदद मिलेगी।
क्या खाएं -
- फल और सब्जियां: फल और सब्जियां फाइबर, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। वह आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में भी मदद कर सकते हैं।
- होल ग्रेन: होल ग्रेन फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। वह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
- स्वस्थ प्रोटीन: स्वस्थ प्रोटीन जैसे चिकन, मछली और फलियां आपकी मांसपेशियों को ठीक करने और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
- हेल्दी फैट: हेल्दी फैट जैसे जैतून का तेल, नट्स और बीज आपकी हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।
क्या न खाएं -
- अतिरिक्त शुगर वाले उत्पाद: इस प्रकार के पदार्थ आपका वजन बढ़ा सकते हैं। इसके साथ साथ आपको अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है।
- प्रोसेस्ड फूड: प्रोसेस्ड फूड में चीनी, वसा और सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
- रेड मीट: रेड मीट में संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
- सैचुरेटेड और ट्रांस फैट: संतृप्त और ट्रांस फैट हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।