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पेनिस में इन्फेक्शन का इलाज - पेनिस प्रॉब्लम इन हिंदी

फोरस्किन (लिंग की चमड़ी) का संक्रमण एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण लिंग पर सूजन हो जाती है। इसे मेडिकल भाषा में बैलेनाइटिस (Balanitis) कहा जाता है। लिंग में संक्रमण के कारण रोगी को तकलीफ और दर्द का सामना करना पड़ता है। ध्यान न देने या समय पर इसका इलाज... और पढ़ें न कराने से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे रोगी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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पेनिस इन्फेक्शन क्या है? - Balanitis in Hindi

संक्रमण के कारण लिंद में सूजन आ जाती है जिसे बैलेनाइटिस (बलनोपोस्थिटिस) नाम से जाना जाता है। यह अक्सर लिंग की ऊपरी चमड़ी वाले क्षेत्र को प्रभावित करता है। बैलेनाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो पुरुषों को प्रभावित करती है। यह समस्या उन पुरुषों में देखने को मिलती है जिनका खतना न हुआ हो। बैलेनाइटिस के सामान्य लक्षणों में लिंग के अंत में सूजन, लालीपन और पीड़ा शामिल है। ऊपरी चमड़ी के नीचे कुछ गाढ़ा तरल पदार्थ भी रह सकता है।

डॉक्टर मानते हैं कि 4 साल तक के बच्चों में यह समस्या एक आम समस्या है, जो कुछ समय में ही अपने आप ठीक हो जाती है। यदि यह समस्या वयस्कों में देखी जाती है, तो डॉक्टर इस स्थिति के त्वरित इलाज का सुझाव देते हैं। जिन लोगों का खतना नहीं हुआ होता है, उन्हें फाइमोसिस या बैलेनाइटिस जैसे लिंग संबंधित रोग से अधिक खतरा होता है। फाइमोसिस की स्थिति में लिंग की ऊपरी चमड़ी काफी सख्त हो जाती है, जिसके कारण उसे पीछे खींचने में परेशानी होती है। चमड़ी पीछे न हटने के कारण संक्रमण, सूजन, दर्द और जलन होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

लिंग में संक्रमण के कारण - Causes Of Penis Inflammation

पेनिस में संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं। यदि किसी को इन कारणों के बारे में पहले से ही जानकारी हो तो वह पहले से ही कुछ सावधानियां बरत सकते हैं। निम्न कारणों से लिंग का संक्रमण हो सकता है -

  • स्मेग्मा - स्मेग्मा लिंग की चमड़ी के नीचे मौजूद मोटे सफेद पदार्थ होते हैं, जिसके कारण लिंग में सूजन आ जाती है। इसके कारण लिंग में प्राकृतिक रूप से चिकनाई आती है। जिसके कारण लिंग की सफाई नहीं हो पाती है और संक्रमण उत्पन्न हो जाता है।
  • फंगल इन्फेक्शन (Penile yeast infection) - फंगल इन्फेक्शन भी पेनिस इन्फेक्शन की तरह ही एक प्रकार का संक्रमण है।
  • एलर्जी - कई बार हो सकता है कि किसी एलर्जी के कारण रोगी के लिंग पर संक्रमण हो जाए। आमतौर यह ऐसा होने के पीछे का कारण केमिकल वाले साबुन, शैंपू, क्रीम या पाउडर का प्रयोग करना हो सकता है।
  • त्वचा संबंधी रोग - एटॉपिक एक्जिमा या सोरायसिस जैसे त्वचा रोग लिंग में संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
  • यौन संक्रमण - योन संचारित रोग (Sexually transmitted disease) से पीड़ित महिला के साथ संभोग करने से भी लिंग में सूजन आ जाती है, जिसके कारण रोगी को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • लेटेक्स निरोध - यदि रोगी ने संभोग के दौरान लेटेक्स निरोध का प्रयोग किया था, तो इसके कारण उन्हें बैलेनाइटिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लेटेक्स के कारण लिंग में सूजन आ जाती है।

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पेनिस में इन्फेक्शन के इलाज की आवश्यकता क्यों है?

बैलेनाइटिस के इलाज की आवश्यकता इसलिए होती है, क्योंकि यह रोग व्यक्ति को किसी भी आयु में परेशान कर सकता है। औसतन पांच वर्ष से कम बच्चों में एक चौथाई बच्चे बैलेनाइटिस से प्रभावित होते हैं। वहीं हर दस में से एक पुरुष किसी न किसी प्रकार की जननांग समस्या से पीड़ित होते हैं।

लड़कों में बैलेनाइटिस एक आम त्वचा रोग है, जिसमें वह अपने फोरस्किन को पीछे खींच नहीं हो पाते हैं। यदि लिंग को समय समय पर साफ नहीं किया जाता है, तो स्मेगमा के कारण रोगी को जलन का सामना करना पड़ता है। बैलेनाइटिस चिंताजनक स्थिति है और इससे रोगी को बहुत सारी समस्या का सामना कर सकते हैं। इस स्थिति के इलाज की सख्त आवश्यकता होती है। इस स्थिति के इलाज के लिए डॉक्टर खतना का सुझाव दे सकते हैं। खतना अलग अलग प्रकार के होते हैं और उनके बारे में हम नीचे बात करने वाले हैं।

पेनिस में इन्फेक्शन के इलाज से पहले ध्यान देने योग्य बातें!

पेनिस में संक्रमण के इलाज से पहले कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए -

  • चोट के संक्रमण के चिकित्सा इतिहास के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  • इसके अतिरिक्त डॉक्टर रोगी से उनके यौन जीवन पर भी चर्चा करते हैं।
  • प्रक्रिया में एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है, इसलिए यदि रोगी को किसी भी प्रकार की एलर्जी है, तो इसके बारे में डॉक्टर को सूचित करें।
  • यदि रोगी के मन में प्रक्रिया के संबंध में कोई प्रश्न है, तो इसके बारे में डॉक्टर से प्रश्न पूछें।
  • यदि रोगी लेजर सर्जरी का चुनाव करते हैं, तो ऑपरेशन के बाद जख्म, संक्रमण या दाग का खतरा लगभग न के बराबर होता है। लेकिन फिर भी प्रक्रिया के दौरान अपने साथ एक व्यक्ति को ज़रूर लाएं।
  • खतना के 48 घंटों के बाद रोगी अपने काम पर वापस जा सकते हैं, इसलिए इस 48 घंटों के दौरान होने वाले कार्य को पहले से ही व्यवस्थित कर लें।
  • ऑपरेशन से पहले लिंग या उसके आस-पास के क्षेत्र पर किसी भी प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पाद का प्रयोग न करें।

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पेनिस में इन्फेक्शन का निदान - Balanitis ki janch

पेनिस के अगले भाग पर सूजन और लालिमा को देखकर डॉक्टर बैलेनाटाइटिस का निदान कर सकते हैं। कुछ मामलों में सूजन की जांच या फिर लिंग का शारीरिक परीक्षण कर संभावित कारणों को पता लगाया जा सकता है।

यदि इन सबके बावजूद भी डॉक्टर निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि रोगी किस प्रकार की समस्या है तो वह स्वैब टेस्ट (Swab Test) की सलाह दे सकते हैं। इसमें डॉक्टर लिंग के संक्रमण का सटीक विश्लेषण कर सकते हैं।

पेनिस के संक्रमण के इलाज की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि

यदि बैलेनाइटिस का इलाज समय पर नहीं होता है, तो इसके कारण रोगी को अन्य लिंग संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे - टाइट फ्रेनुलम, पैराफिमोसिस, बालनोपोस्टहाइटिस, इत्यादि। इस स्थिति के इलाज के लिए लोग क्रीम, लोशन, या अन्य दवा की खोज में रहते हैं। इन सभी चीजों से उन्हें वर्तमान में राहत तो मिल जाएगी, लेकिन यह समस्या भविष्य में फिर से उत्पन्न हो सकती है। खतना एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से पेनिस के संक्रमण से राहत मिल सकता है।

खतना सर्जरी के प्रकार - Types of Khatna in hindi

सामान्यतः खतना सर्जरी दो प्रकार के होते हैं - ओपन खतना और लेजर एवं स्टेपलर खतना।

  • ओपन खतना: इस प्रक्रिया को पारंपरिक खतना सर्जरी कहा जाता है। पहले के समय में यह बहुत प्रचलित थी और वर्तमान में भी कुछ स्थानों में इसे किया जाता है। इस विधि में, विशेषज्ञ फोरस्किन को हटाने के लिए एक स्केलपेल का उपयोग करते हैं और फोरस्किन के बचे हुए भाग को टांके की सहायता से बंद कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को लोकल या जनरल एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है, जिसके कारण रोगी को प्रक्रिया के दौरान कोई दर्द नहीं होता है। डॉक्टर प्रक्रिया के बाद उठने वाले दर्द के लिए दर्द निवारक दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
  • लेजर एवं स्टेपलर सर्जरी: यह सर्जरी का एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक है, जिसमें रोगी को कम से कम असुविधा के साथ सर्जरी के उत्तम परिणाम मिलते हैं। यह एक आधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें कोई चीरा या टांके नहीं लगाए जाते हैं और इससे किसी भी प्रकार का खून नहीं निकलता है। इस प्रक्रिया में एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है। लेजर प्रक्रिया में हाई-बीम लेजर का उपयोग किया जाता है और स्टेपलर सर्जरी में स्टेपलर गन का प्रयोग होता है। इसके पश्चात स्टेपलर को लिंग पर लगाया जाता है और उसे शूट कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में अधिकतम 20 मिनट का ही समय लगता है।

दोनों ही सर्जरी के कुछ अपने लाभ और जटिलताएं है। ओपन सर्जरी की तुलना में डॉक्टर आधुनिक सर्जरी को ज्यादा महत्व देते हैं। इसके पीछे कई कारण है जैसे - सर्जरी में कम समय लगना, कम जटिलताओं का उत्पन्न होना, न्यूनतम रक्त हानि, जल्द से जल्द रिकवरी इत्यादि।

जोखिम और जटिलताएं - Khatana ke jokhim aur jatiltaye

बैलेनाइटिस की कुछ जटिलताएं है जैसे -

  • अत्यधिक रक्त हानि: ऑपरेशन के बाद रक्त हानि होने की संभावना बहुत ज्यादा प्रबल होती है। यदि ऐसा होता है, तो रोगी को जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • त्वचा में समस्या: हालांकि ऑपरेशन सफल रहता है, लेकिन त्वचा में समस्या बनी रहती है। इसके कारण रोगी को स्किन ब्रिज नाम की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • संक्रमण: ऑपरेशन का मुख्य समस्याओं में से संक्रमण एक मुख्य जटिलता है। आधुनिक ऑपरेशन में संक्रमण का जोखिम कम होता है, लेकिन ओपन सर्जरी में जोखिम अधिक रहता है। यदि संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि बुखार, ठंड लगना, लालिमा और चीरे वाली जगह से पीले रंग का मवाद निकलना, तो जल्द से जल्द अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें।
  • अत्यधिक दर्द: किसी भी प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया के बाद हल्का दर्द और असुविधा का होना आम बात है और इसे सामान्य माना जाता है। दर्द से राहत पाने में मदद के लिए, मूत्र रोग विशेषज्ञ कुछ दवाओं का सुझाव भी दे सकते हैं।
  • फोरस्किन का पूर्ण रूप से न निकलना: कुछ मामलों में देखा गया है कि ऑपरेशन में फोरस्किन पूर्ण रूप से नहीं निकल पाती है।

इन जटिलताओं के उत्पन्न होते ही रोगी को जल्द से जल्द अपने सर्जन से सलाह लेनी चाहिए।

खतना के बाद देखभाल कैसे करें?

जल्द से जल्द रिकवर होने के लिए रोगी को निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए -

  • सर्जिकल क्षेत्र को साफ रखें। रगड़ने या कठोर साबुन का उपयोग करने से बचें।
  • अच्छी जननांग स्वच्छता बनाए रखें और आवश्यकतानुसार पट्टी बदलें और सर्जिकल क्षेत्र पर किसी भी सुगंधित उत्पाद का उपयोग करने से बचें।
  • सर्जिकल क्षेत्र में घर्षण और जलन से बचने के लिए ढीले-ढाले कपड़े पहने।
  • हाइड्रेटेड रहें और रोजाना कम से कम 7-8 कप पानी पिएं।
  • पर्याप्त आराम करें और धीरे धीरे टहलना और योग करना शुरू करें। वजन उठाने या साइकिल चलाने जैसी किसी भी जोरदार गतिविधियों से बचें।
  • फॉलो-अप सत्रों का विशेष ध्यान रखें।

खतना के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

आधुनिक खतना सर्जरी के बाद ठीक होने में 7-10 दिनों तक का समय लग सकता है। अधिकांश मरीज केवल 2-3 दिनों में अपने काम और अपने दैनिक दिनचर्या पर वापस लौट सकते हैं। लेकिन हर रोगी के लिए रिकवरी की गति अलग अलग हो सकती है। जल्द से जल्द दुरुस्त होने और सभी संभावित जटिलताओं को खत्म करने के लिए डॉक्टर के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। इससे रोगी को बहुत लाभ मिल सकता है।

खतना ऑपरेशन का खर्च - Balanitis ke liaj ka kharch

बैलेनाइटिस के इलाज का खर्च 30,000 रुपये से लेकर 35,000 रुपये तक आ सकता है। इस खर्च को कई कारक प्रभावित करते हैं जैसे -

  • अस्पताल का चुनाव
  • इलाज के लिए शहर का चुनाव
  • टेस्ट का खर्च
  • ऑपरेशन का प्रकार
  • रोगी की स्वास्थ्य स्थिति
  • स्वास्थ्य की गंभीरता
  • सर्जन की फीस
  • बेहोशी की दवा देने वाले विशेषज्ञ की फीस
  • ऑपरेशन के बाद दवाओं और देखभाल का खर्च

खतना ऑपरेशन के फायदे - Khatna Operation ke fayde

खतना के लिए ओपन और आधुनिक दोनों प्रक्रियाओं का प्रयोग होता है। आधुनिक खतना के बहुत सारे लाभ होते हैं जैसे -

  • न्यूनतम रक्त हानि: प्रक्रिया में कट नहीं लगता है, जिसके कारण रोगी को कम से कम रक्त हानि का सामना करना पड़ता है।
  • कम चोट लगना: आधुनिक ऑपरेशन एक सटीक प्रक्रिया है, जिससे लिंग के आसपास के क्षेत्र को बहुत कम नुकसान होता है। परिणामस्वरूप, इस प्रक्रिया का परिणाम बहुत उत्तम आता है।
  • फास्ट रिकवरी: रोगी इलाज के एक या दो दिन के भीतर ही अपने सामान्य काम करने लगते हैं और कुछ ही दिनों के भीतर अपने ऑफिस का काम कर सकते हैं।
  • संक्रमण का कम जोखिम: आधुनिक ऑपरेशन में जटिलताओं का जोखिम बहुत कम हो जाता है, जिसकी वजह से डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव अधिक देते हैं।
  • डे-केयर प्रक्रिया: ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। इलाज के बाद कुछ ही घंटों में डॉक्टर रोगी को छुट्टी दे देते हैं।

खतना सर्जरी के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं

खतना सर्जरी के बाद फॉलो-अप का विशेष ध्यान रखें। सामान्यतः फॉलो-अप के सिवा रोगी को डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि रोगी को ऊपर बताए गए जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, तो जल्द से जल्द उन्हें डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

खतना सर्जरी के बाद क्या खाना चाहिए क्या नहीं

क्या खाएं

चलिए उन खाद्य पदार्थों पर एक नज़र डालते हैं, जिन्हें रोगी को खतना सर्जरी के बाद खाना चाहिए।

  • दही: यह एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है जो शरीर के पाचन क्रिया में मदद करता है।
  • लहसुन: लहसुन एंटीफंगल से भरपूर होता है। लहसुन को आहार में शामिल करने से यीस्ट संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है। यीस्ट संक्रमण बैलेनाइटिस का मुख्य कारण साबित हो सकता है।
  • एप्पल साइडर विनेगर: यदि बैलेनाइटिस कैंडिडा संक्रमण के कारण होता है, तो एप्पल साइडर विनेगर रोगी की बहुत सहायता कर सकता है।
  • फाइबर युक्त आहार - रोगी को गेहूं, राई, जौ जैसे साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ब्रोकोली, गाजर, खरबूजा, संतरा, नाशपाती आदि भी फाइबर से भरपूर होते हैं, इसलिए इनके सेवन से भी रोगी को लाभ मिलेगा। उच्च फाइबर आहार से पाचन प्रक्रिया में मदद मिलती है।
  • विटामिन सी - विटामिन सी खतना के बाद रिकवरी की गति में तेजी ला सकता है। नींबू, कीवी, अंगूर जैसे खट्टे फल विटामिन सी से समृद्ध होते हैं। ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में जामुन और आलू भी काफी फायदेमंद होते हैं।
  • विटामिन डी - विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के उचित अवशोषण को सुनिश्चित करते हैं। खतना के बाद तेजी से ठीक होने के लिए रोगी को अपने आहार में दूध, अनाज, सोया मिल्क और संतरे के रस को शामिल करना चाहिए।

क्या न खाएं

  • प्रोसेस्ड फूड - प्रोसेस्ड फूड में ज्यादातर चीनी और नमक की मात्रा ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड में आवश्यक विटामिन और मिनरल की मात्रा बहुत कम होती है। इसके साथ साथ शरीर ऐसे खाद्य पदार्थों को पचाने में भी नाकाम रहता है, जिसके कारण रोगी को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • जंक फूड - जंक फूड में फाइबर, खनिज और विटामिन की मात्रा बहुत कम होती है और इसके साथ साथ यह खाद्य पदार्थ अपच की समस्या को भी बढ़ाते हैं। इस तले हुए और ग्रिल्ड फूड से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना निश्चित है। इससे कब्ज की समस्या में वृद्धि होती है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
  • रेड मीट: इसके द्वारा शरीर में अत्यधिक प्रोटीन शरीर में जाता है, जिसके कारण मूत्र में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ समय तक इससे दूरी बनाएं और इसके सेवन से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या आप इनमें से किसी लक्षण से गुज़र रहे हैं?

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खतना से जुड़ी कुछ जरूरी बातें?

कुछ लोग समझते हैं कि खतना के बाद पुरुष की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके अतिरिक्त रोगी के यौन जीवन पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह पूर्ण रूप से सफल और सुरक्षित प्रक्रिया है तथा इस ऑपरेशन के बाद भी रोगी को बहुत लाभ होता है। इस प्रक्रिया के बाद रोगी को यौन संचारित रोग, महिला मित्र में पेनाइल कैंसर या सर्वाइकल कैंसर तथा मूत्र पथ पर संक्रमण होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

खतना ट्रीटमेंट से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न

फोरस्किन में सूजन से बचाव कैसे करें?

कई नुस्खे हैं जिन्हें आजमाकर फोरस्किन में सूजन से बचाव संभव है जैसे -

  • समय-समय पर अपने लिंग को गुनगुने पानी से साफ करें।
  • लिंग में केमिकल युक्त किसी भी पदार्थ जैसे: साबुन, पाउडर, क्रीम, लोशन, परफ्यूम, स्प्रे या दूसरी उन सभी चीजों का इस्तेमाल करने से बचें।
  • यौन संचारित रोगों से बचने के लिए सेक्स के दौरान निरोध का उपयोग करें।

क्या टॉयलेट सीट से बैलेनाइटिस हो सकता है?

ऐसा होना संभव है। हालांकि इस प्रकार का संक्रमण मुँह, लिंग, गुदा या योनि के संपर्क से फैलता है, लेकिन यह टॉयलेट सीट जैसी वस्तुओं के माध्यम से भी फैल सकता है। यही कारण है कि इस संबंध में स्वच्छता बहुत अनिवार्य है।

बैलेनाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?

बैलेनाइटिस का उपचार संक्रमण के प्रकार के आधार पर भिन्न होता है। बैलेनाइटिस के लिए खतना को स्थाई इलाज माना जाता है।

क्या बैलेनाइटिस को रोका जा सकता है?

बैलेनाइटिस को रोकने का कोई तरीका नहीं है। यदि व्यक्ति अच्छी स्वच्छता अपनाते हैं और यौन संचारित रोग से बचने के सारे प्रयत्न करते हैं, तो इससे बचा जा सकता है।

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