पेनिस में इन्फेक्शन का निदान - Balanitis ki janch
पेनिस के अगले भाग पर सूजन और लालिमा को देखकर डॉक्टर बैलेनाटाइटिस का निदान कर सकते हैं। कुछ मामलों में सूजन की जांच या फिर लिंग का शारीरिक परीक्षण कर संभावित कारणों को पता लगाया जा सकता है।
यदि इन सबके बावजूद भी डॉक्टर निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि रोगी किस प्रकार की समस्या है तो वह स्वैब टेस्ट (Swab Test) की सलाह दे सकते हैं। इसमें डॉक्टर लिंग के संक्रमण का सटीक विश्लेषण कर सकते हैं।
पेनिस के संक्रमण के इलाज की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि
यदि बैलेनाइटिस का इलाज समय पर नहीं होता है, तो इसके कारण रोगी को अन्य लिंग संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे - टाइट फ्रेनुलम, पैराफिमोसिस, बालनोपोस्टहाइटिस, इत्यादि। इस स्थिति के इलाज के लिए लोग क्रीम, लोशन, या अन्य दवा की खोज में रहते हैं। इन सभी चीजों से उन्हें वर्तमान में राहत तो मिल जाएगी, लेकिन यह समस्या भविष्य में फिर से उत्पन्न हो सकती है। खतना एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से पेनिस के संक्रमण से राहत मिल सकता है।
खतना सर्जरी के प्रकार - Types of Khatna in hindi
सामान्यतः खतना सर्जरी दो प्रकार के होते हैं - ओपन खतना और लेजर एवं स्टेपलर खतना।
- ओपन खतना: इस प्रक्रिया को पारंपरिक खतना सर्जरी कहा जाता है। पहले के समय में यह बहुत प्रचलित थी और वर्तमान में भी कुछ स्थानों में इसे किया जाता है। इस विधि में, विशेषज्ञ फोरस्किन को हटाने के लिए एक स्केलपेल का उपयोग करते हैं और फोरस्किन के बचे हुए भाग को टांके की सहायता से बंद कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को लोकल या जनरल एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है, जिसके कारण रोगी को प्रक्रिया के दौरान कोई दर्द नहीं होता है। डॉक्टर प्रक्रिया के बाद उठने वाले दर्द के लिए दर्द निवारक दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
- लेजर एवं स्टेपलर सर्जरी: यह सर्जरी का एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक है, जिसमें रोगी को कम से कम असुविधा के साथ सर्जरी के उत्तम परिणाम मिलते हैं। यह एक आधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें कोई चीरा या टांके नहीं लगाए जाते हैं और इससे किसी भी प्रकार का खून नहीं निकलता है। इस प्रक्रिया में एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है। लेजर प्रक्रिया में हाई-बीम लेजर का उपयोग किया जाता है और स्टेपलर सर्जरी में स्टेपलर गन का प्रयोग होता है। इसके पश्चात स्टेपलर को लिंग पर लगाया जाता है और उसे शूट कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में अधिकतम 20 मिनट का ही समय लगता है।
दोनों ही सर्जरी के कुछ अपने लाभ और जटिलताएं है। ओपन सर्जरी की तुलना में डॉक्टर आधुनिक सर्जरी को ज्यादा महत्व देते हैं। इसके पीछे कई कारण है जैसे - सर्जरी में कम समय लगना, कम जटिलताओं का उत्पन्न होना, न्यूनतम रक्त हानि, जल्द से जल्द रिकवरी इत्यादि।
जोखिम और जटिलताएं - Khatana ke jokhim aur jatiltaye
बैलेनाइटिस की कुछ जटिलताएं है जैसे -
- अत्यधिक रक्त हानि: ऑपरेशन के बाद रक्त हानि होने की संभावना बहुत ज्यादा प्रबल होती है। यदि ऐसा होता है, तो रोगी को जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- त्वचा में समस्या: हालांकि ऑपरेशन सफल रहता है, लेकिन त्वचा में समस्या बनी रहती है। इसके कारण रोगी को स्किन ब्रिज नाम की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- संक्रमण: ऑपरेशन का मुख्य समस्याओं में से संक्रमण एक मुख्य जटिलता है। आधुनिक ऑपरेशन में संक्रमण का जोखिम कम होता है, लेकिन ओपन सर्जरी में जोखिम अधिक रहता है। यदि संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि बुखार, ठंड लगना, लालिमा और चीरे वाली जगह से पीले रंग का मवाद निकलना, तो जल्द से जल्द अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें।
- अत्यधिक दर्द: किसी भी प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया के बाद हल्का दर्द और असुविधा का होना आम बात है और इसे सामान्य माना जाता है। दर्द से राहत पाने में मदद के लिए, मूत्र रोग विशेषज्ञ कुछ दवाओं का सुझाव भी दे सकते हैं।
- फोरस्किन का पूर्ण रूप से न निकलना: कुछ मामलों में देखा गया है कि ऑपरेशन में फोरस्किन पूर्ण रूप से नहीं निकल पाती है।
इन जटिलताओं के उत्पन्न होते ही रोगी को जल्द से जल्द अपने सर्जन से सलाह लेनी चाहिए।
खतना के बाद देखभाल कैसे करें?
जल्द से जल्द रिकवर होने के लिए रोगी को निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए -
- सर्जिकल क्षेत्र को साफ रखें। रगड़ने या कठोर साबुन का उपयोग करने से बचें।
- अच्छी जननांग स्वच्छता बनाए रखें और आवश्यकतानुसार पट्टी बदलें और सर्जिकल क्षेत्र पर किसी भी सुगंधित उत्पाद का उपयोग करने से बचें।
- सर्जिकल क्षेत्र में घर्षण और जलन से बचने के लिए ढीले-ढाले कपड़े पहने।
- हाइड्रेटेड रहें और रोजाना कम से कम 7-8 कप पानी पिएं।
- पर्याप्त आराम करें और धीरे धीरे टहलना और योग करना शुरू करें। वजन उठाने या साइकिल चलाने जैसी किसी भी जोरदार गतिविधियों से बचें।
- फॉलो-अप सत्रों का विशेष ध्यान रखें।
खतना के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?
आधुनिक खतना सर्जरी के बाद ठीक होने में 7-10 दिनों तक का समय लग सकता है। अधिकांश मरीज केवल 2-3 दिनों में अपने काम और अपने दैनिक दिनचर्या पर वापस लौट सकते हैं। लेकिन हर रोगी के लिए रिकवरी की गति अलग अलग हो सकती है। जल्द से जल्द दुरुस्त होने और सभी संभावित जटिलताओं को खत्म करने के लिए डॉक्टर के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। इससे रोगी को बहुत लाभ मिल सकता है।
खतना ऑपरेशन का खर्च - Balanitis ke liaj ka kharch
बैलेनाइटिस के इलाज का खर्च 30,000 रुपये से लेकर 35,000 रुपये तक आ सकता है। इस खर्च को कई कारक प्रभावित करते हैं जैसे -
- अस्पताल का चुनाव
- इलाज के लिए शहर का चुनाव
- टेस्ट का खर्च
- ऑपरेशन का प्रकार
- रोगी की स्वास्थ्य स्थिति
- स्वास्थ्य की गंभीरता
- सर्जन की फीस
- बेहोशी की दवा देने वाले विशेषज्ञ की फीस
- ऑपरेशन के बाद दवाओं और देखभाल का खर्च
खतना ऑपरेशन के फायदे - Khatna Operation ke fayde
खतना के लिए ओपन और आधुनिक दोनों प्रक्रियाओं का प्रयोग होता है। आधुनिक खतना के बहुत सारे लाभ होते हैं जैसे -
- न्यूनतम रक्त हानि: प्रक्रिया में कट नहीं लगता है, जिसके कारण रोगी को कम से कम रक्त हानि का सामना करना पड़ता है।
- कम चोट लगना: आधुनिक ऑपरेशन एक सटीक प्रक्रिया है, जिससे लिंग के आसपास के क्षेत्र को बहुत कम नुकसान होता है। परिणामस्वरूप, इस प्रक्रिया का परिणाम बहुत उत्तम आता है।
- फास्ट रिकवरी: रोगी इलाज के एक या दो दिन के भीतर ही अपने सामान्य काम करने लगते हैं और कुछ ही दिनों के भीतर अपने ऑफिस का काम कर सकते हैं।
- संक्रमण का कम जोखिम: आधुनिक ऑपरेशन में जटिलताओं का जोखिम बहुत कम हो जाता है, जिसकी वजह से डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव अधिक देते हैं।
- डे-केयर प्रक्रिया: ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। इलाज के बाद कुछ ही घंटों में डॉक्टर रोगी को छुट्टी दे देते हैं।
खतना सर्जरी के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं
खतना सर्जरी के बाद फॉलो-अप का विशेष ध्यान रखें। सामान्यतः फॉलो-अप के सिवा रोगी को डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि रोगी को ऊपर बताए गए जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, तो जल्द से जल्द उन्हें डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
खतना सर्जरी के बाद क्या खाना चाहिए क्या नहीं
क्या खाएं
चलिए उन खाद्य पदार्थों पर एक नज़र डालते हैं, जिन्हें रोगी को खतना सर्जरी के बाद खाना चाहिए।
- दही: यह एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है जो शरीर के पाचन क्रिया में मदद करता है।
- लहसुन: लहसुन एंटीफंगल से भरपूर होता है। लहसुन को आहार में शामिल करने से यीस्ट संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है। यीस्ट संक्रमण बैलेनाइटिस का मुख्य कारण साबित हो सकता है।
- एप्पल साइडर विनेगर: यदि बैलेनाइटिस कैंडिडा संक्रमण के कारण होता है, तो एप्पल साइडर विनेगर रोगी की बहुत सहायता कर सकता है।
- फाइबर युक्त आहार - रोगी को गेहूं, राई, जौ जैसे साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ब्रोकोली, गाजर, खरबूजा, संतरा, नाशपाती आदि भी फाइबर से भरपूर होते हैं, इसलिए इनके सेवन से भी रोगी को लाभ मिलेगा। उच्च फाइबर आहार से पाचन प्रक्रिया में मदद मिलती है।
- विटामिन सी - विटामिन सी खतना के बाद रिकवरी की गति में तेजी ला सकता है। नींबू, कीवी, अंगूर जैसे खट्टे फल विटामिन सी से समृद्ध होते हैं। ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में जामुन और आलू भी काफी फायदेमंद होते हैं।
- विटामिन डी - विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के उचित अवशोषण को सुनिश्चित करते हैं। खतना के बाद तेजी से ठीक होने के लिए रोगी को अपने आहार में दूध, अनाज, सोया मिल्क और संतरे के रस को शामिल करना चाहिए।
क्या न खाएं
- प्रोसेस्ड फूड - प्रोसेस्ड फूड में ज्यादातर चीनी और नमक की मात्रा ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड में आवश्यक विटामिन और मिनरल की मात्रा बहुत कम होती है। इसके साथ साथ शरीर ऐसे खाद्य पदार्थों को पचाने में भी नाकाम रहता है, जिसके कारण रोगी को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- जंक फूड - जंक फूड में फाइबर, खनिज और विटामिन की मात्रा बहुत कम होती है और इसके साथ साथ यह खाद्य पदार्थ अपच की समस्या को भी बढ़ाते हैं। इस तले हुए और ग्रिल्ड फूड से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना निश्चित है। इससे कब्ज की समस्या में वृद्धि होती है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
- रेड मीट: इसके द्वारा शरीर में अत्यधिक प्रोटीन शरीर में जाता है, जिसके कारण मूत्र में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ समय तक इससे दूरी बनाएं और इसके सेवन से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।
खतना से जुड़ी कुछ जरूरी बातें?
कुछ लोग समझते हैं कि खतना के बाद पुरुष की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके अतिरिक्त रोगी के यौन जीवन पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह पूर्ण रूप से सफल और सुरक्षित प्रक्रिया है तथा इस ऑपरेशन के बाद भी रोगी को बहुत लाभ होता है। इस प्रक्रिया के बाद रोगी को यौन संचारित रोग, महिला मित्र में पेनाइल कैंसर या सर्वाइकल कैंसर तथा मूत्र पथ पर संक्रमण होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।