रेक्टल प्रोलैप्स क्या है?
रेक्टल प्रोलैप्स एक सामान्य स्वास्थ्य स्थिति है जो किसी भी उम्र की महिलाओं या पुरुषों को हो सकती है। हालांकि महिलाओं में यह स्थिति अधिक मात्रा में देखने को मिलती है। रेक्टल प्रोलैप्स की स्थिति में मलाशय (Rectum) को सहारा देने वाली मांसपेशियों और ऊतक कमजोर हो जाते हैं और अपनी मूल स्थिति से थोड़े से खिसक जाते हैं। इसके कारण मरीज को मल त्यागने में परेशानी, असहनीय दर्द और मल के साथ ब्लीडिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह कई कारणों से हो सकता है जिनमें बढ़ती उम्र, पेल्विक मांसपेशियों का कमजोर होना, प्रसव, पुरानी कब्ज, दस्त और मल त्याग के दौरान तनाव शामिल है।
रेक्टल प्रोलैप्स के कारण मलाशय की मांसपेशियां और ऊतक कमजोर हो जाते हैं, जिससे मलाशय गुदा के बाहर लटक जाता है और अपनी सामान्य स्थिति से थोड़ा बाहर हो जाता है। यह आंशिक या पूर्ण प्रोलैप्स हो सकता है। इसके कारण रोगी को सामान्य असुविधा से लेकर गंभीर दर्द और रक्तस्राव तक हो सकता है। रेक्टल प्रोलैप्स से पीड़ित लोगों में असहजता, अत्यधिक दर्द, मल त्यागते समय ब्लीडिंग, मल त्यागने में कठिनाई और बार-बार मल त्यागने की इच्छा जैसे लक्षण देखने मिल सकते हैं।
रेक्टल प्रोलैप्स के इलाज की आवश्यकता क्यों है?
रेक्टल प्रोलैप्स से पीड़ित लोगों को काफी असहजता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इसका इलाज करने के लिए प्रोलैप्स सर्जरी की आवश्यकता होती है। आमतौर पर सर्जरी सिर्फ तब की जाती है, जब प्रोलैप्स के कारण आपका दैनिक जीवन प्रभावित होने लगता है। ऐसे मरीजों के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।
इस सर्जरी के बाद मरीज को निम्न गंभीर लक्षणों से राहत मिल सकती है:
- मलाशय को नुकसान का जोखिम, जैसे अल्सरेशन और रक्तस्राव से राहत।
- इंकारसिरेशन यानी की मलाशय को वापस उसकी मूल स्थिति में लाया जा सकता है।
- मलाशय का स्ट्रैंगुलेशन यानी की मलाशय तक रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है जिससे ब्लीडिंग नहीं होती।
- रेक्टल प्रोलैप्स सर्जरी के बाद गैंग्रीन होने का जोखिम कम हो जाता है।
रेक्टल प्रोलैप्स का इलाज कराने से पहले इन बातों का ध्यान रखें!
सर्जरी से पहले
- सर्जरी से पहले आपको लैक्सेटिव या एनीमा लेने की आवश्यकता हो सकती है। इस संबंध में डॉक्टर आपको जरूरी दिशानिर्देश दे सकते हैं।
- मरीज को सुझाई गई सर्जरी के प्रकार के आधार पर मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होने की आवश्यकता हो सकती है।
- यदि आप एस्पिरिन या कोई अन्य ब्लड थिनर दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर को इन दवाओं के बारे में जरूर बताएं।
- डॉक्टर आपको पूर्व में आपके द्वारा ली जा रही दवाओं का इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं। दरअसल इन दवाओं के इस्तेमाल के कारण सर्जरी के दौरान कई सारी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- सर्जरी से कुछ घंटे पहले तक कुछ भी न खाएं-पिएं।
सर्जरी के बाद
-
ओपन सर्जरी के बाद 4 से 6 सप्ताह और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के 1 सप्ताह बाद तक बाइकिंग, जॉगिंग, वेटलिफ्टिंग और एरोबिक व्यायाम जैसी ज़ोरदार गतिविधियों से बचें।
- सर्जरी के बाद पहले सप्ताह तक या जब तक आपका डॉक्टर न कहे तब तक स्नान न करें।
- इस समय अवधि के बाद स्नान कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें की स्नान करने के बाद सर्जरी वाली जगह को थपथपाकर सुखा लें।
- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई डाइट को फॉलो करें।
- दवाओं को समय पर लें और घर पर आराम करें।
- ऐसी किसी भी शारीरिक गतिविधियों से बचें जिससे गुदा क्षेत्र में दबाव पड़ता हो।
क्या आप इनमें से किसी लक्षण से गुज़र रहे हैं?
रेक्टल प्रोलैप्स के इलाज की सर्जिकल प्रक्रिया और विधि
रेक्टल प्रोलैप्स का इलाज दो सर्जिकल प्रक्रियाओं ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक रेक्टोपेक्सी के जरिए किया जाता है:
ओपन सर्जरी: इस प्रक्रिया में सर्जन मरीज के पेट वाले एरिया में एक चीरा लगाता है और अव्यवस्थिति रेक्टम को उसकी सही जगह पर शिफ्ट कर देता है। ओपनी सर्जरी की सारी प्रक्रिया एनेस्थीसिया के जरिए की जाती है जिससे मरीज को दर्द का अनुभव नहीं होता है।
लेप्रोस्कोपिक रेक्टोपेक्सी: इस प्रक्रिया में मरीज के पेट में एक चीरा लगाकर शरीर के अंदर एक रास्ता बनाया जाता है। इसके बाद एक लेप्रोस्कोप नामक मेडिकल उपकरण को शरीर के अंदर डाला जाता है। लेप्रोस्कोप के ऊपरी भाग में एक छोटा कैमरा लगा होता है। जिससे डॉक्टर मरीज के शरीर के अंदर की सारी तस्वीर देख सकते हैं। इसकी मदद से डॉक्टर बाहर निकले हुए मलाशय को दोबारा उसके सही स्थान में शिफ्ट कर देते हैं। कुछ मामलों में रेक्टम के अतिरिक्ति भाग को काट दिया जाता है और एक रिंग फिक्स कर दी जाती है।
रेक्टल प्रोलैप्स के कारण होने वाले जोखिम और जटिलताएँ
रेक्टल प्रोलैप्स से होने वाली जटिलताओं में निम्न शामिल हैं:
- अल्सर की संभावना
- रक्तस्राव
- दर्द
- स्फिंक्टर मसल डैमेज (गुदा को खोलने और बंद करने का काम करने वाली मांसपेशी)
- मल असंयम
- आंत्र नियंत्रण की समस्याएं
- संक्रमण
- रक्त के थक्के
- आसपास के अंगों में चोट
- कब्ज़
- यौन रोग
रेक्टल प्रोलैप्स के इलाज के बाद देखभाल कैसे करें?
रेक्टल प्रोलैप्स का इलाज कराने के निम्न बातों का ध्यान रखें
- आराम करें और शारीरिक गतिविधि से दूर रहें।
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गई दवाओं को समय पर लेते रहें।
- प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ से सिकाई करें। इससे सर्जरी के कारण होने वाले दर्द व सूजन से राहत मिल सकती है।
- सर्जरी के बाद भारी वजन उठाने से बचें।
- पेल्विक फ्लोर मांसपेशी संकुचन व्यायाम करें। ध्यान रखे की यह व्यायाम आपको सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही सरना है।
- मल त्याग की निगरानी करें। मल में कोई भी बदलाव या ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
मेडिफ़ी की नि:शुल्क पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल

आहार एवं जीवनशैली परामर्श

सर्जरी के बाद निःशुल्क फॉलो-अप

निःशुल्क कैब सुविधा

24*7 रोगी सहायता