दूरबीन से अम्बिलिकल हर्निया का इलाज क्या है?
नाभि के अंदर और पेट की मांसपेशियों में कमजोरी के कारण नाभि हर्निया की शिकायत होती है। अम्बिलिकल हर्निया शिशुओं में होने वाली बेहद आम बीमारी है। हालांकि यह वयस्कों में भी हो सकता है। जब शिशु रोता है, तो हर्निया के कारण नाभि को बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। यह अम्बिलिकल हर्निया के लक्षणों में से एक है। अम्बिलिकल हर्निया के लक्षणों की बात करें तो शिशु के रोने, खांसने या मल त्याग करते समय नाभि हर्निया को देख सकते हैं। दरअसल इन गतिविधियों से पेट में दबाव बढ़ जाता है, जिससे नाभि में उभार हो जाता है। आमतौर पर बच्चों में अम्बिलिकल हर्निया दर्द रहित होते हैं। हालांकि वयस्कों में अम्बिलिकल हर्निया की शिकायत पेट की परेशानी का कारण बन सकती है।
इसके कारणों की बात करें तो बच्चों में यह जन्म के साथ होती है। वयस्क व्यक्तियों के मामले में पेट पर अधिक दबाव पड़ने से नाभि हर्निया हो सकता है। वयस्कों में होने वाले हर्निया के कारणों की बात करें तो यह एक से अधिक गर्भधारण के कारण, मोटापे के कारण, पूर्व में हुई पेट की सर्जरी के कारण, गुर्दे की बीमारियों या विफलता के इलाज के लिए लंबे समय तक चले पेरिटोनियल डायलिसिस और उदर गुहा में द्रव भर जाने कारण हो सकता है।
दूरबीन से अम्बिलिकल हर्निया के इलाज की आवश्यकता क्यों है?
आंतो में हर्निया के फसने और अटकने की स्थिति में मरीज की मौत हो सकती है। इसलिए इसका इलाज कराने की आवश्यकता होती है। हालांकि हर्निया की समस्या अधिकांश मामलों में दर्द का कारण नहीं बनती है। लेकिन यदि इसे उपचार रहित छोड़ दिया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य अवस्थाओं का कारण बन सकता है। बच्चों के मामले में यह समस्या काफी हद तक अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन वयस्कों में हर्निया की शिकायत को सर्जरी के माध्यम से ही ठीक कराया जा सकता है।
दूरबीन से अम्बिलिकल हर्निया के इलाज के लिए जाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
सर्जरी से पहले:
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अम्बिलिकल हर्निया का इलाज कराने से पहले यदि आप किसी भी तरह की कोई दवा ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। इसके अलावा यदि आपको एलर्जी या अत्यधिक ब्लीडिंग से जुड़ी कोई समस्या है तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बताएं।
- सर्जरी से कुछ दिन पहले डॉक्टर आपको कुछ दवाएं लेने से मना कर सकते हैं। इनमें नॉन स्टेरोडिअल एंटी इनफ्लेमेटरी ड्रग्स, रक्त को पतला करने वाली दवाएं और कुछ विटामिन व सप्लीमेंट शामिल है।
- मरीज को ब्लड और यूरिन टेस्ट करवाने के लिए कहा जा सकता है।
- एक्स-रे, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन जैसे जांच कराने को कह सकते हैं।
- सर्जरी से पहले आपको करीब छह घंटे पहले तक आपको कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
सर्जरी के बाद:
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सर्जन के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- टांकें लगने की स्थिति में बाथटब में न नहाएं।
- ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें जो कब्ज का कारण बन सकती है।
- अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें। अधिक मात्रा में पानी पिएं।
- पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां खाएं।
- आहार में फाइबर को अधिक मात्रा में शामिल करें।
- ढीले कपड़े पहनें।
- सर्जरी के एक से दो हफ्ते बाद आप हल्का-फुल्का व्यायाम करें। इससे घाव को ठीक होने में मदद मिलती है।
- सर्जरी के चार से छह हफ्ते तक भारी व्यायाम न करें। भारी वजन उठाने से बचें।
- बच्चों के मामले में अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। उन्हें सर्जरी के बाद आराम करने दें।
- बच्चे को दो हफ्ते तक किसी भी तरह के स्पोर्ट्स में भाग न लेने दें।
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