वेजिनोप्लास्टी क्या है? - Vaginoplasty kya hai
वेजिनोप्लास्टी योनि के ढीलेपन को कसने या रिपेयर करने की प्रक्रिया है। योनी (वजाइना) महिला के शरीर का बेहद लचीला अंग होता है। उम्र या बच्चे के जन्म के कारण संभावित रूप से यह थोड़ा ढीला हो सकता है। वेजिनोप्लास्टी को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
चलिए इसे और सटीकता से समझते हैं। उम्र और प्रेगनेंसी के कारण शरीर में कई बदलाव होते हैं और यह बदलाव योनि में भी देखे जाते हैं। योनि की इलास्टिक मांसपेशियां बच्चे के जन्म और उम्र के कारण फैल जाती हैं। उम्र के साथ मेनोपॉज की स्थिति और कई सारे हार्मोनल बदलावों के कारण पेल्विक फ्लोर के मसल्स भी कमजोर हो जाती हैं। इस स्थिति के कारण यौन सुख में कमी आती है और कुछ मामलों में संभोग के दौरान रोगी को दर्द भी होता है। यदि उम्र बढ़ने या प्रेगनेंसी के कारण आपकी योनि की मांसपेशियां ढीली हो गई है, तो उन्हें ठीक करने का इलाज आपको ज़रूर तलाशना चाहिए।
वेजिनोप्लास्टी के प्रकार - Vaginoplasty ke prakar
यदि रोगी को वेजिनोप्लास्टी की आवश्यकता होती है, तो डॉक्टर इस सर्जरी के लिए कई अलग-अलग प्रकार की पेशकश कर सकते हैं। वेजिनोप्लास्टी के लिए सबसे उपयुक्त प्रकार कई कारकों पर निर्भर करते हैं। विशेष रूप से वेजिनोप्लास्टी 4 प्रकार से होते हैं, जिनके बारे में संक्षेप में नीचे बताया गया है -
- आंतों या सिग्मोइड वेजिनोप्लास्टी: यह आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के रूप में किया जाता है। इस सर्जरी के लिए कोलन से एक छोटे से टुकड़े को अलग किया जाता है और फिर योनि की परत बनाने के लिए उसे नीचे घुमाया जाता है। फिर इसके कार्य को बहाल करने के लिए आसपास के कोलन को एक साथ रख कर टांके लगा दिए जाते हैं।
- पेरिटोनियल वेजिनोप्लास्टी: पेरिटोनियल वेजिनोप्लास्टी में, योनि के निर्माण के लिए पेट की पेरिटोनियम परत का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक विशेषकर उन महिलाओं के लिए उपयुक्त होती हैं, जो योनि में तनाव का सामना करती हैं। आंतों की वेजिनोप्लास्टी की तरह, पेरिटोनियल वेजिनोप्लास्टी भी लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया होती है।
- मेक इंडो वेजिनोप्लास्टी: यह प्रक्रिया पेरिटोनियल और आंतों की वेजिनोप्लास्टी से काफी अलग है। पेरिटोनियल और आंतों की योनिओप्लास्टी के विपरीत, मैकइंडो तकनीक में अस्तर बनाने के लिए पेट की सर्जरी की जरूरत नहीं होती है।
- बुक्कल म्यूकोसा वेजिनोप्लास्टी: बुक्कल म्यूकोसा वेजिनोप्लास्टी में, मुंह के भीतरी भाग से म्यूकोसा नामक परत का उपयोग किया जाता है। यह काफी हद तक योनि की परत के समान है। दोनों ही ऊतक बाल रहित होते हैं और बलगम बनाते हैं। यही कारण है कि कई सर्जन इस प्रकार के वेजिनोप्लास्टी को सबसे उत्तम प्रकार मानते हैं।
- पेनाइल इन्वर्जन वेजिनोप्लास्टी: पेनाइल इन्वर्जन वेजिनोप्लास्टी का उपयोग केवल ट्रांसजेंडर महिलाओं में किया जाता है। इस प्रक्रिया में, लिंग के बाहर की त्वचा को हटा दिया जाता है और योनि की परत बनाने के लिए उसे उल्टा लगा दिया जाता है।
वेजिनोप्लास्टी की आवश्यकता क्यों है? - Vaginoplasty ke prakar
योनि में ढीलेपन के इलाज के बाद ड्राइनेस और मूत्र असंयम जैसी समस्या से राहत मिल सकती है। इसे हर उम्र की महिला अपना सकती है। निम्न स्थितियों में योनि में ढीलेपन के इलाज की आवश्यकता पड़ती है।
- यौन सुख में कमी: योनि में ढीलेपन के कारण महिलाएं और उनके साथी कभी कभी यौन सुख में कमी का अनुभव कर सकते हैं। वेजिनोप्लास्टी के बाद यौन सुख फिर से बहाल हो जाता है।
- यौनि में सूखेपन और जलन से राहत: इलास्टिसिटी खत्म होने के कारण योनि में खुजली और रूखेपन की समस्या होने लगती है। वेजिनोप्लास्टी के बाद योनि में यह दोनों समस्या खत्म हो जाती है।
- मल असंयम में समस्या: योनि की मांसपेशियां ढीली हो जाती है, जिसके कारण कई बार जोर से हंसने, छींकने या ज्यादा देर तक खड़े रहने पर भी यूरिन लीकेज की समस्या होने लगती है। वेजिनोप्लास्टी के बाद पेल्विक की मांसपेशियां मजबूत होने लगती है।
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वेजिनोप्लास्टी से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
योनि के ढीलेपन के लिए वेजिनोप्लास्टी एक सरल और सुरक्षित सर्जरी है। लेकिन, प्रक्रिया से पहले महिलाओं को कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा जैसे -
- वर्तमान में चल रही दवाओं के बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ को सूचित करें।
- एनेस्थीसिया से संबंधित एलर्जी या किसी भी अन्य दवाओं के बारे में अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ को बताएं।
- चिकित्सा इतिहास (Medical History) के बारे में अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ को सूचित करें।
- सर्जरी से कम से कम एक महीने पहले तक संभोग या हस्तमैथुन से दूरी बनाएं।
- निर्धारित सर्जरी से कम से कम 5-6 सप्ताह पहले तक पान, गुटखा, तंबाकू और शराब के सेवन से दूरी बनाएं।
- सर्जरी एनेस्थीसिया के तहत की जाती है, इसलिए ऑपरेशन से कम से कम 8-10 घंटे पहले डॉक्टर कुछ भी खाने पीने की सलाह नहीं देते है। कुछ खाद्य पदार्थों को लेने की अनुमति आपको अपने डॉक्टर के द्वारा मिल सकती है।
- सर्जरी के दिन असहजता से बचने के लिए ढीले कपड़े पहनें।
- आमतौर पर सर्जिकल क्षेत्र को स्वयं शेव करने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसा करने से कट और खरोंच लग सकते हैं जिससे इलाज के दौरान समस्या उत्पन्न हो सकती है।
वेजिनोप्लास्टी के इलाज के दौरान होने वाली जांच
- पेल्विस और पेट के अल्ट्रासाउंड: यह जांच अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करके पेट और पेल्विस के अंदर के अंग की विस्तृत छवि प्रदान करती है। यह जांच योनि की स्थिति, संरचना और विकारों का पता लगाने में मदद करती है।
- सीटी स्कैन (CT Scan): सीटी स्कैन एक उत्तम जांच तकनीक है, जो योनि के आंतरिक अंगों की विशेष छवि प्रदान करती है। इसके द्वारा योनि के संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता को निर्धारित किया जा सकता है।
- एमआरआई (MRI): एमआरआई एक अन्य प्रकार की जांच है, जिसमें योनि के अंदरूनी भाग की विस्तृत छवि प्रदान की जाती है। यह जांच योनि के विकारों को पता लगाने में मदद करती है।
- रूटीन ब्लड टेस्ट: इस जांच के माध्यम से रोगी के स्वास्थ्य का पूर्ण आकलन हो पाता है। परिणाम यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि रोगी को प्रक्रिया के बाद या दौरान कोई समस्या न हो।
वेजिनोप्लास्टी की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि
वेजिनोप्लास्टी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके लिए पहले से तैयारी करने की सख्त आवश्यकता होती है। सर्जरी से पहले डॉक्टर रोगी को कुछ सख्त दिशा-निर्देश दे सकते हैं। खून पतला करने वाली दवाओं का सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रहे लोगों में हार्मोन, हार्ट और डायबिटीज की दवा को बंद किया जा सकता है। मरीज को सर्जरी से एक या दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है। इस समय सारी जरूरी रिपोर्ट और दस्तावेज रोगी को साथ रखने चाहिए। अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरीज को अस्पताल के द्वारा दिए गए कपड़े पहनने पड़ते हैं और उसके बाद डॉक्टर परामर्श करने आते हैं। योनि को कसने के इलाज को निम्न चरणों में किया जाता है।
- चरण 1: रोगी को सबसे पहले बेहोश किया जाता है, जिसके लिए एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है। कुछ मामलों में, डॉक्टर लोकल एनेस्थीसिया का भी उपयोग करते हैं, ताकि ऑपरेशन के क्षेत्र को सुन्न किया जा सके। यह डॉक्टर का निर्णय है कि किस प्रकार के एनेस्थीसिया का प्रयोग होगा।
- चरण 2: इसके बाद, सर्जन योनि में चीरा लगाते हैं जिसका स्थान और लंबाई तकनीक के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, योनि के मुख के आसपास छोटे चीरे लगाए जाते हैं। फिर सर्जन अतिरिक्त ऊतकों को हटाने और योनि को कसने के लिए आगे बढ़ते हैं।
- चरण 3: सर्जन फिर योनि के छिद्र को कम करके अतिरिक्त योनि अस्तर और ऊतक को हटा देते हैं। वह योनि के अस्तर का एक हिस्सा काटते हैं, और फिर शेष ऊतकों को एक साथ लाया जाता है, जिससे योनि की आकृति में बदलाव ना आए।
- चरण 4: अंत में, सर्जन ऊतकों के स्थिति में थोड़ा बदलाव करते हैं और चीरों को सावधानी से टांकों की सहायता से बंद कर दिया जाता है।
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