वैरिकाज वेंस क्या है?
वैरिकाज वेंस सूजी हुई रक्त वाहिकाएं हैं जो आपके निचले शरीर में त्वचा की सतह के ठीक नीचे दिखाई देती हैं। जब आपकी नस की कमजोर परत होती हैं और आपके वाल्व ठीक से काम नहीं कर रहे होते हैं, तो रक्त आपकी नस में वापस चला जाता है। इसके कारण आपके पैरों या टखनों पर नीले और बैंगनी रंग के उभार दिखाई देते हैं। कई उपचार विकल्प काम कर सकते हैं, लेकिन वैरिकाज वेंस वापस आ सकती हैं।
वैरिकाज वेंस के लक्षण
वैरिकोज वेन्स का सबसे प्रमुख लक्षण है नसों का दिखना। इनमें दर्द, सूजन, भारीपन और ऐंठन भी रहती है।
कुछ मामलों में नसों में सूजन और नसों का रंग बदलने की समस्या भी हो सकती है। वहीं गंभीर मामलों में नसों से खून आ सकता है या अल्सर बन सकता है।
वैरिकाज वेंस के कारण
जब नसें ठीक तरह से काम नहीं कर पाती हैं तब वैरिकोज वेन्स की समस्या होना शुरू हो जाती है। नसों की एक तरफ की वाॉल्व रक्त प्रवाह को रोक देती है। जब ये वॉल्व काम करना बंद कर देती है, तो रक्त ह्रदय तक पहुंचने की बजाय नसों में ही इकट्ठा होने लगता है। नसों का आकार बढ़ जाता है। ये समस्या अक्सर टांगों को प्रभावित करती है| वैरिकाज वेंस होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- प्रेग्नेंसी
- मेनोपॉज
- 50 से अधिक उम्र
- लंबे समय तक खड़े रहना
- मोटापा
क्या आप इनमें से किसी लक्षण से गुज़र रहे हैं?
पैरों की नसों (वैरिकाज वेंस) का इलाज क्यों आवश्यक है?
पैर की नसों का इलाज आवश्यक है, क्योंकि यदि नसों का इलाज न किया जाए है, तो आपको निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं:-
- दर्द और सूजन बढ़ना
- त्वचा में छाले
- खून की कमी
- त्वचा के नीचे दर्दनाक व सख्त गांठ बनना
- लिपि डर्माटो स्क्लेरोसिस
- रक्त के थक्के जमना
- नसों में खून जमना (डीप वेन थंब्रोसिस)
पैरों की नसों का इलाज करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
- ऑपरेशन से पहले, डॉक्टर काम न करने वाले वाल्वों के स्थान का निर्धारण करने के लिए एक शारीरिक परीक्षण करेंगे।
- आपको अल्ट्रासाउंड परीक्षण और डुप्लेक्स/डॉप्लर परीक्षण जैसे कुछ परीक्षणों से गुजरना पड़ सकता है ताकि सर्जन रक्त प्रवाह की मात्रा निर्धारित कर सके और वैरिकोज वेन्स/वैरिकोज नस का विस्तृत मूल्यांकन कर सके।
- प्रक्रिया से पहले किसी भी प्रकार की दवा लेने की अनुमति नहीं दी जाती है। यदि आप किसी दवा का सेवन रोजाना करते हैं तो इस संबंध में अपने पैर के नसों के डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।
- अगर एनेस्थीसिया से एलर्जी होने की संभावना है, तो आपको ऑपरेशन से पहले इस बात की सूचने अपने डॉक्टर को देनी होगी।
- किसी भी अन्य सर्जिकल प्रक्रिया की तरह, आपको इस प्रक्रिया से पहले किसी भी भोजन या तरल पदार्थ का सेवन करने से बचना होगा क्योंकि ऑपरेशन में एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है जिसका विपरीत परिणाम हो सकता है।
- किसी भी जटिलता को दूर करने के लिए एस्पिरिन, ब्लड थिनर और अन्य दर्द निवारक दवाओं को लेने से बचने की सलाह दी जाती है।
- आपको ऑपरेशन से पहले स्नान करना चाहिए क्योंकि डॉक्टर आपको ऑपरेशन के बाद किसी भी संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए ऑपरेशन वाले क्षेत्र को सूखा रखने की सलाह देंगे।
पैरों की नसों (वेरीकोज वेन) का इलाज क्या हैं?
पैर की नसों (वेरीकोज वेन) का इलाज के विशेषज्ञ सर्जन द्वारा किया जाता है| पैरों की नसों के ऑपरेशन के दौरान क्षतिग्रस्त नसों को हटा दिया जाता है। ताकि भविष्य में रोगी त्वचा में छाले, नसों में रक्त के थक्के बनने के जोखिम से बचाया जा सके है| यह स्थिति तब उत्पन्न होती हैं जब वैरिकाज़ नसों का इलाज समय पर नहीं हो पाता है।
यदि पैरों की नसों में सूजन का इलाज समय पर नहीं होता है तो पैरों की नसों में खून का थक्का जमने शुरू हो जाएगा और जिसके कारण आपको नसों में खून जमने का इलाज (डीप वेन थंब्रोसिस) भी करवाना पड़ेगा।
वैरिकोज वेन्स का इलाज विभिन्न प्रकार की ऑपरेशन की तकनीक से किया जा सकता है, जैसे वेन लिगेशन, ट्रांसिल्युमिनेटेड पावर्ड फेलबेक्टॉमी और लेजर एब्लेशन। इन सबके माध्यम से वैरिकोज वेंस किया जा सकता है और रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति की गंभीरता को देखने के बाद डॉक्टर द्वारा पैरों की नसों (वैरिकाज वेंस) के इलाज की सटीक योजना बनाई जा सकती है।
निदान
इलाज से पहले निदान एक अहम भूमिका निभाता है। नसों में सूजन की सही स्थिति जानने के लिए डॉक्टर शारीरिक जांच करते हैं, जिससे पैरों में सूजन का पता चल सकता है। यदि आप चलने-फिरने में दर्द का अनुभव करते हैं, तो आपको इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताना होगा। वैरिकोज वेन्स की गंभीरता का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ नैदानिक परीक्षणों का सुझाव दे सकते हैं, जैसे -
- डॉपलर परीक्षण: हाथ, पैर और बड़ी धमनियों में स्थित नसों में रक्त के प्रवाह को निर्धारित करने के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है। यह एक सरल प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी प्रकार के कट या चीरे का उपयोग नहीं होता है। आमतौर पर, इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है। इस प्रक्रिया में एक उपकरण के ऊपर अर्ध तरल पदार्थ को लगाया जाता है और उसे क्षतिग्रस्त क्षेत्र के ऊपर रखा जाता है।
- अल्ट्रासाउंड स्कैन: यह स्कैन गहरी नसों की विस्तृत जांच करने में मदद करता है। इस परीक्षण का महत्व तब बहुत बढ़ जाता है जब रोगी पहले से ही डीप वेन थंब्रोसिस से ग्रसित हो। अल्ट्रासाउंड शरीर में क्षतिग्रस्त वाल्व और असामान्य रक्त की पहचान करने में मदद करता है।
प्रिस्टिन केयर से वैरिकाज वेंस सर्जरी का निःशुल्क लागत कैलकुलेटर
पैर की नसों (वैरिकोज वेन्स) का लेजर तकनीक से ऑपरेशन
- आपके डॉक्टर के सुझाव और आपकी शारीरिक स्थिति के आधार पर, आपको बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया जाएगा।
- पैरों की नसों के ऑपरेशन से पहले लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है, लेकिन जनरल एनेस्थीसिया के मामले में, आपके शरीर का निचला हिस्सा सुन्न हो जाएगा और ऑपरेशन की प्रक्रिया के दौरान आप होश में रहेंगे।
- यदि आपको स्पाइनल एनेस्थेटिक के प्रभाव में रखा जाता है, तो डॉक्टर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं जिससे प्रक्रिया के दौरान आप चिंतित और घबराए हुए महसूस न करें।
- ऑपरेशन के दौरान, डॉक्टर क्षतिग्रस्त नस के ऊपर और नीचे कई कट या चीरे लगाते हैं। एक चीरा आपके कमर के पास लगाया जाएगा और दूसरा आपके निचले पैर में या तो आपके पिंडली या टखने में लगाया जाता है।
- फिर सर्जन कमर के चारों ओर बने चीरे के माध्यम से नस में एक लचीला, पतला प्लास्टिक का तार डालते हैं और फिर तार को क्षतिग्रस्त नस से बांध देते हैं। उन क्षतिग्रस्त नसों को निचले पैर के चीरे के माध्यम से बाहर निकाल लिया जाता है।
- क्षतिग्रस्त नस को हटा दिए जाने के बाद, डॉक्टर चीरों को टांके की सहायता से बंद कर देंगे और ऑपरेशन वाले क्षेत्र के चारों ओर पट्टी और स्टॉकिंग्स लगा देंगे।
वैरिकाज़ नसों के कारण और जोखिम कारक क्या हैं?
निम्नलिखित से वैरिकाज़ नसों के विकास का खतरा बढ़ सकता है:
आयु: उम्र बढ़ने के साथ ही नसों में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करने वाले वाल्व खराब हो जाते हैं। अंततः वाल्व में घिसाव के कारण नसों में रक्त प्रवाह में अवरोध उत्पन्न होने लगता हैं, जिससे रक्त नसों में एक जगह एकत्रित होता है।
लिंग: महिलाओं के पैरों की नसों में खिचाव या खून के थक्के जमने की समस्या अधिक देखने को मिलती है। मासिक धर्म से पहले या गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल परिवर्तन एक कारक हो सकता है क्योंकि महिला हार्मोन नसों की दीवारों को आराम देते हैं। हार्मोन उपचार, जैसे जन्म नियंत्रण गोलियाँ, वैरिकाज़ नसों के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है। यह परिवर्तन बढ़ते बच्चे को सहारा देता है लेकिन पैरों की नसें भी बड़ी हो सकती हैं।
परिवार के इतिहास: यदि परिवार के अन्य सदस्यों को नसों से जुड़ी समस्या (वैरिकाज वेंस) थीं, तो इसकी संभावना अधिक है कि आपको भी होगी।
मोटापा: अधिक वजन होने से नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना: मूवमेंट रक्त प्रवाह में मदद करता है।
पैरों की नसों का लेजर तकनीक से ऑपरेशन के फायदे
पारंपरिक तरीके से पैरों की नसों का इलाज करवाने की तुलना में लेजर तकनीक से पैरों की नसों का ऑपरेशन करवाना अधिक फायदेमंद होता है। पैरों की नसों का लेजर तकनीक से ऑपरेशन करवाने के निम्नलिखित फायदे होते हैं:-
- लेजर तकनीक में ऑपरेशन के दौरान नसों में छोटा-सा चीरा लगाया जाता है, जिससे घाव जल्दी भरता और रिकवर भी तेजी से होती है।
- पैरों की नसों के लेजर ऑपरेशन में रक्त की हानि कम होती है।
- लेजर ऑपरेशन द्वारा पैरों की नसों के इलाज की सफलता अधिक होती है।
- पैरों की नसों के लेजर ऑपरेशन की प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगता है, इसलिए ऑपरेशन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद रोगी घर जा सकते हैं।
मेडिफ़ी की नि:शुल्क पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल

आहार एवं जीवनशैली परामर्श

सर्जरी के बाद निःशुल्क फॉलो-अप

निःशुल्क कैब सुविधा

24*7 रोगी सहायता