खतना क्या है? - Khatna kya hai
खतना एक प्रक्रिया है, जिसमें लिंग के आगे के भाग की चमड़ी को हटा दिया जाता है। आमतौर पर इस प्रक्रिया को नवजात व छोटे बच्चों के लिए एक धर्म विशेष में कराया जाता है। लेकिन यदि रोगी लिंग संबंधी विकार जैसे - फाइमोसिस, पैराफाइमोसिस, बैलेनाइटिस जैसी रोग का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव दे सकते हैं।
ऑपरेशन से पहले डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य का आकलन करते हैं और शारीरिक परीक्षण का सुझाव देते हैं। आमतौर पर इस प्रक्रिया को एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है। बच्चों और वयस्कों में इस प्रक्रिया को अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।
खतना क्यों किया जाता है - Khatna kyu jaruri hai
खतना के कई कारण हो सकते हैं जैसे - धार्मिक, सामाजिक, चिकित्सा आवश्यकता, इत्यादि। निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए डॉक्टर खतना का सुझाव दे सकते हैं -
- बेहतर स्वास्थ्य
- मूत्र पथ पर संक्रमण से बचाव
- बैलेनाइटिस (लिंग की सूजन)
- फिमोसिस (इस स्थिति में लिंग के बाहरी भाग की चमड़ी पीछे नहीं हट पाती है)
- पोस्थाइटिस (लिंग के शीरे की चमड़ी में सूजन)
- पैराफिमोसिस
- बैलेनोपोस्थाइटिस
- लिंग की चमड़ी पर मस्से और घाव बनना
- लिंग की चमड़ी पर कैंसर से संबंधित घाव बनना
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खतना से पहले ध्यान देने योग्य बातें!
- खतना भी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिससे पहले रोगी को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है। सबसे पहले डॉक्टर मरीज के स्वास्थ्य का आकलन करते हैं और उनको शारीरिक परीक्षण का सुझाव देते हैं। शारीरिक परीक्षण के द्वारा यह सुनिश्चित हो सकता है कि रोगी को सर्जरी की आवश्यकता है या नहीं।
- सबसे पहले डॉक्टर रोगी को एचआईवी टेस्ट (HIV test) का सुझाव दे सकते हैं। यदि रोगी किसी भी प्रकार की कोई दवा, सप्लीमेंट या अन्य कोई हर्बल उत्पाद का सेवन कर रहे हैं, तो इसकी सूचना सबसे पहले डॉक्टर को दें। इसके साथ साथ यदि रोगी को किसी भी प्रकार की एलर्जी है, तो इस संबंध में भी अपने डॉक्टर को सूचित करें।
- इस बात का रोगी को विशेष ध्यान रखना होगा कि वह रक्त पतला करने वाली दवाओं के सेवन से दूरी बनाएं। कुछ दवाएं हैं जैसे - एस्पिरिन, वारफेरिन और इबुप्रोफेन जिसके लिए डॉक्टर सख्त मना करते हैं।
- खतना से कुछ सप्ताह पूर्व रोगी को धूम्रपान से बचने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे का कारण है ऑपरेशन के बाद उत्पन्न होने वाली जटिलताएं। आमतौर पर खतना करने के लिए मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाती है, इसलिए सर्जरी वाले दिन कुछ भी खाने-पीने की सलाह नहीं दी जाती है।
- खतना की सर्जरी जननांग पर होती है, जिसके कारण रोगी को लिंग के आस-पास के भाग से बालों को अच्छे से साफ करने की सलाह दी जाती है, जिससे ऑपरेशन के दौरान कोई समस्या न आए।
- ऑपरेशन वाले दिन सुबह अपने जननांगों को साबुन व हल्के गर्म पानी से साफ करें।
खतना के दौरान या पहले होने वाली जांच - Khatna ke liye test
- शारीरिक परीक्षण: शारीरिक परीक्षण के द्वारा जननांग पर मौजूद किसी भी समस्या का निदान संभव हो पाता है। यदि कोई त्वचा रोग है, तो इसके कारण रोगी को प्रक्रिया के दौरान किसी न किसी प्रकार की हानि हो सकती है।
- मेडिकल हिस्ट्री: मेडिकल हिस्ट्री की जांच से डॉक्टर रोगी के द्वारा वर्तमान में महसूस किए जा रहे लक्षणों की पहचान कर पाते हैं और उसी के अनुसार इलाज के विकल्प पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
- रक्त परीक्षण: हर प्रकार के ऑपरेशन में रक्त परीक्षण का सुझाव दिया जाता है। इससे रक्त विकार, संक्रमण, और एचआईवी के होने की संभावना का पता चल सकता है।
- मूत्र परीक्षण: मूत्र परीक्षण के द्वारा मूत्र पथ पर संक्रमण या फिर अन्य किसी भी रोग के बारे में पता चल सकता है।
- एनेस्थीसिया के प्रभाव से बचने के लिए परीक्षण: यदि खतना के ऑपरेशन में रोगी को एनेस्थीसिया दिया जाता है, तो इसके संबंध में कुछ अन्य परीक्षणों का सुझाव दिया जाता है। इससे एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट के बारे में पता चल सकता है।
ऑपरेशन से पहले डॉक्टर रोगी को हर बात के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं जैसे - ऑपरेशन में उत्पन्न होने वाली संभावित जटिलताएं, ऑपरेशन के प्रकार इत्यादि।
खतना की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया और विधि
खतना करने के लिए मुख्यतः दो प्रकार के ऑपरेशन का प्रयोग होता है - लेजर खतना प्रक्रिया और स्टेपलर खतना प्रक्रिया। ऐसा करने के पीछे का कारण है इन प्रक्रियाओं में आधुनिक तकनीक का प्रयोग। चलिए दोनों को एक एक करके समझते हैं -
- लेजर खतना प्रक्रिया: यह सबसे आधुनिक और लेजर गाइडेड तकनीक है, जिसमें 10 मिनट के अंदर ही लिंग सिर की ऊपरी चमड़ी से अलग हो जाता है। प्रक्रिया के बहुत सारे लाभ है, जैसे - कम रक्त हानि, दर्द न होना इत्यादि। इसका अर्थ यह है कि प्रक्रिया को करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है और यह प्रक्रिया जल्द से जल्द खत्म भी हो जाती है। इसके साथ साथ मरीज खतना के बाद अगले दिन से ही अपने काम पर वापस जा सकते हैं।
- स्टेपलर खतना प्रक्रिया: यह भी लेजर प्रक्रिया की तरह ही आधुनिक तकनीक है, जिसमें लिंग के ऊपरी चमड़ी (फोरस्किन) को निकाल लिया जाता है। इस तकनीक में पारंपरिक टांके के बजाय कटे हुए त्वचा के किनारों को काटने और सील करने के लिए सर्जिकल स्टेपलर का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक खतना प्रक्रिया में चाकू से लिंग की त्वचा को काटा जाता है और फिर बाकी के अंग को टांकों की सहायता से सील दिया जाता है। स्टेपलर खतना प्रक्रिया स्टेपलर का प्रयोग होता है, जिसका काम त्वचा को हटाने के साथ साथ त्वचा को लिंग के साथ चिपकाना भी है। स्टेपलर खतना में घाव नहीं होते हैं और ना ही खून निकलता है, इसके अलावा इस प्रक्रिया को करवाने के बाद मरीज़ों की रिकवरी भी जल्द हो जाती है।
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